नई दिल्ली: सोमवार को पूरे देश में दलित आंदोलनकारियों ने एससीएसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के लेकर प्रदर्शन किया। जहां एक तरफ इन प्रदर्शनों में करीब 9 लोगों की मौत हो गई तो करोड़ों की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। देश के तमाम हिस्सों में लोगों को इन प्रदर्शनों के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसी ही अजीब परिस्थिति का सामना संघ विचारक और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर राकेश सिन्हा को करना पड़ा।
अक्सर टीवी डिबेट में संघ का पक्ष रखते नजर आने वाले राकेश सिन्हा को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने प्रदर्शकारी समझ कर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन अपने साथ घटी इस घटना से राकेश सिन्हा नाखुश हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मैं नोएडा के एक मीडिया हाउस में बहस में हिस्सा लेने जा रहा था। तभी मुझे पुलिस ने पकड़ कर जीप में बैठा दिया। वो करीब आठ पुलिसवाले थे जिनका नेतृत्व एसएचओ नोएडा कर रहे थे। वो अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।
जब मैंने उनसे पूछा मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है तो उन्होंने कहा आप जा सकते हैं। बाद में पुलिस ने बताया कि उन्होंने मुझे दलित प्रदर्शनकारी समझकर गिरफ्तार कर लिया था। मैंने पुलिस से हमेशा मानावाधिकार और एक व्यक्ति के आत्मसम्मान को ध्यान में रखने की अपील की। दरअसल कुछ दिन पहले एससीएसटी एक्ट पर गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सारे दलित संगठनों सोमवार को भारत बंद बुलाया था। जिसके बाद पूरे देश में हिंसा की खबरें सामने आई। कई जगह हिंसा कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस को बल का भी प्रयोग करना पड़ा।