नयी दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच मुंबई में बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ठेकेदारों के ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे पड़े हैं। बीएमसी से जुड़े ठेकेदारों के 30 ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा और 7 का सर्वे किया गया। छापों के दौरान कई तरह की गड़बड़ियां मिली हैं। इनकम टैक्स को इन ठिकानों पर छापों के दौरान 735 करोड़ रुपये की बोगस एंट्री और फर्जी खर्च के सबूत मिले हैं।
बीएमसी पर शिवसेना का कब्ज़ा है। 227 सदस्यों के सदन में शिवसेना के 94 कॉरपोरेटर हैं। वहीं बीजेपी के 82 कॉरपोरेट हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बताया कि मुंबई और सूरत में छह नवंबर को शुरू इस अभियान के तहत 37 स्थानों पर छानबीन की गयी। बोर्ड ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि कुछ ठेकेदारों ने अपने यहां प्राप्तियों की प्रविष्टि ऋण के रूप में दिखायी है।
उन्होंने अपने बही खातों में खर्च को बढ़ाकर और आय को घटाकर दिखाया है। बोर्ड का कहना है कि इस कार्रवाई में ऐसे आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं जिससे लगता है कि ये ठेकेदार भारी मात्रा में कर की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं।
बोर्ड का कहना है कि अब तक 735 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमिताएं सामने आयी हैं। इस कार्रवाई के दौरान डाटा प्रविष्टि करने वाली फर्जी कंपनियों के संचालन का मामला भी सामने आया है जिनके जरिए खर्चे और आय दिखाने के लिए फर्जी बिल बनाए गए।