नई दिल्ली: हाई-स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत में बुलेट ट्रेन से भी तेज स्पीड की ट्रेन दौड़ सकती है। चीन, जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेनों से भी तेज होगी भारत में चलने वाली हाइपरलूप ट्रेन। हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट के ट्रायल के मामले में भारत तमाम बड़े देशों से आगे निकल सकता है। इस ट्रेन से मुंबई से पूणे का सफर महज 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। यह बुलेट ट्रेन से भी तेज चलती है। इसे तैयार करनेवाली कंपनी हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिज के चेयरमैन और मुख्य संचालन अधिकारी बिपॉप ग्रेस्टा ने कहा कि वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिले थे और भारत में एक पायलट परियोजना स्थापित करने का औपचारिक प्रस्ताव रखा था। (हार्दिक पटेल के पास आज का दिन, क्या कांग्रेस से मिलाएंगे हाथ?)
हवाईजहाज से भी तेज है इस ट्रेन की स्पीड
हवाईजहाज की स्पीड से भी तेज यह ट्रेन 'हाइपरलूप ट्यूब' के भीतर कम दबाव वाले क्षेत्र में चलेगी। इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बुलेट ट्रेन से दोगुनी रफ्तार से चलेगी। यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर चलेगी। यह ट्रेन वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।
मुंबई से पुणे महज 25 मिनट में
एक ‘हाइपरलूप’ पॉड में 6 से 8 लोग सफर कर सकते हैं। फिलहाल मुंबई से पुणे के बीच इसे चलाए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। एक अंदाज के मुताबिक अगर मुंबई-पुणे के बीच हाइपरलूट ट्रेन दौड़ती है तो ये सफर महज 25 मिनट का रह जाएगा।
क्या है ‘हाइपरलूप’?
एक ट्यूब के भीतर ‘हाइपरलूप’ को उच्च दबाव और ताप सहने की क्षमता वाले इंकोनेल से बने बेहद पतले स्की पर स्थिर किया जाता है। इस स्की में छिद्रों के जरिये दबाव डालकर हवा भरी जाती है। जिससे कि यह एक एयर कुशन की तरह काम करने लगता है। स्की में लगे चुंबक और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक झटके से ‘हाइपरलूप’ के पॉड को गति दी जाती है।