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हैदराबाद में विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र, 350 बिस्तरों की आयुष चिकित्सा सुविधा भी मौजूद

28-30 जनवरी, फरवरी 2-4 और फरवरी 7-9, 2020 के दौरान तीन, तीन दिवसीय सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह 75 साल के मील के पत्थर को मनाने के लिए सामूहिक ध्यान गतिविधि के भाग के रूप में करीब 1 लाख चिकित्सकों की मेजबानी करेगा।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 28, 2020 22:13 IST
Ramdev
Image Source : INDIA TV योग गुरु राम देव भी थे मौजूद

हैदराबाद। हैदराबाद एक और वैश्विक मील का पत्थर जोड़ने के लिए तैयार है। विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र और हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के वैश्विक मुख्यालय का उद्घाटन 28 जनवरी को किया गया। संगठन की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर, कान्हा शांति वनम हार्दिकता के पहले मार्गदर्शक के लिए समर्पित होगा, जो वर्तमान में वैश्विक मार्गदर्शक के रूप में लालाजी के साथ है दाजी। 

28-30 जनवरी, फरवरी 2-4 और फरवरी 7-9, 2020 के दौरान तीन, तीन दिवसीय सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह 75 साल के मील के पत्थर को मनाने के लिए सामूहिक ध्यान गतिविधि के भाग के रूप में  करीब 1 लाख चिकित्सकों की मेजबानी करेगा। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्ना हजारे क्रमशः 2 और 7 फरवरी को चिकित्सकों को संबोधित करेंगे। 

1,400 एकड़ में फैली हार्टफुलनेस सुविधा, एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र है जो 40,000 से अधिक लोगों की मेजबानी कर सकता है। इसकी रसोई जहां एक दिन में 1,00,000 लोगों के लिए खाना बनाया जा सकता है। इसमें 350 बिस्तरों की आयुष चिकित्सा सुविधा आदि भी है।

लोकप्रिय योग गुरु बाबा रामदेव इस अवसर पर उपस्थित हुए थे। यहां बाबा रामदेव के नाम पर एक मार्ग का शुभारंभ किया गया, नाम दिया गया "योगऋषि स्वामी रामदेव मार्ग", जिसका शुभारंभ भी उन्हीं के हाथों कराया गया। उसके बाद बाबा रामदेव ने वृक्षारोपण भी की।

30 एकड़ में फैले हैदराबाद के बाहरी इलाके में लगभग 40 किमी दूर रंगारेड्डी जिले में कान्हा शांतिवनम में एक केंद्रीय और 8 माध्यमिक केंद्र हैं। यह एक बार में 100,000 चिकित्सकों को समायोजित कर सकता है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा बंद संरचना ध्यान केंद्र बनाता है।

इस अवसर पर उपस्थित होकर बाबा रामदेव ने कहा कि देश और दुनिया में आध्यात्मिक क्रांति की सबसे ज्यादा आवस्यकता है, पिछले डेढ़ महीने से देश का जो विरोध और आंदोलन का वातावरण बना हुआ है, चारो तरफ हिंसा जैसा माहौल है, इससे भारत की छवि दुनिया में गलत जा रही है, बड़े बड़े लोग कह रहे है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र की तरफ आगे तो नहीं बढ़ रहा है, हिंदुस्तान में दंगे तो नहीं हो रहे हैं। सबको बताना चाहता हूँ, भारत कोई एक धर्म प्रधान देश नहीं है, भारत एक आध्यात्मिक देश है, कोई कहता है हिंदू राष्ट्र बन जायेगा, कोई कहता है इस्लामिक देश बन जायेगा... ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि यहां रामचन्द्र मिशन जैसी एक संस्था है, इनके द्वारा इतनी बड़ी आध्यात्मिक क्रांति चल रही है मुझे देर से पता चला क्योंकि इनका प्रचार नहीं किया गया।

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