हैदाराबाद की डॉक्टर बेटी के साथ हुई क्रूरता के खिलाफ पूरा देश उबल रहा है और डॉक्टर बेटी के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। हैदराबाद की डॉक्टर बेटी के परिवार वाले भी अपनी बेटी के अपराधियों के लिए भी वैसी ही सजा की मांग कर रहे हैं जिस तरह की क्रूरता उनकी बेटी के साथ की गई थी। इंडिया टीवी संवाददाता टी राघवन ने हैदराबाद की डाक्टर बेटी के परिवार वालों के साथ बात की उस बात के मुख्य अंश इस तरह से हैं।
टी राघवन, संवाददाता- आज मेरे साथ वो परिवार मौजूद है जिस परिवार के साथ जिस परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है, इस परिवार का गुस्सा पूरे देश का गुस्सा बन गया है पूरा देश आक्रोश में है। इस परिवार ने अपनी बेटी को दर्दनाक तरीके से खोया है। अब ये परिवार पूरे देश के साथ इंसाफ की गुहार लगा रहा है। पीड़िता के पिता हमारे साथ हैं। अब आप किस तरह की कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जिस तरह की कार्रवाई हुई है क्या आप उससे संतुष्ट हैं?
लेडी डॉक्टर के पिता- अब तक तो कुछ कार्रवाई नहीं हुआ है। उनको अरेस्ट किया है। 14 दिन की रिमांड पर भेजा है, पुलिस कस्टडी के लिए बोल रहे हैं। उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उनको फांसी लगानी चाहिए...नहीं तो हमारी बेटी को जिस तरह पेट्रोल डालकर जलाया जाए..हम वैसा ही चाहते हैं।
टी राघवन, संवाददाता- आप चाहते हैं कि जिस तरह से आपकी बच्ची के साथ हुआ वैसा ही उनके साथ भी होना चाहिए? जब ये घटना हुई बहुत समय जाया किया था...उस वक्त आपको बहुत गुस्सा आया था जब आपके साथ पुलिस ने ऐसा बर्ताव किया था?
लेडी डॉक्टर के पिता- मैं तो इधर नहीं था, 150 कि.मी दूर था...उस वक्त मेरी पत्नी और बेटी पुलिस स्टेशन गए...फिर जाने के बाद उन्होंने कहा एप्लीकेशन लिखो...सीसीटीवी दिखाया, जहां बच्ची खोई वहां जाकर सर्च नहीं किया...सीसीटीवी में देखने में आधा घंटा एक घंटा टाइम लग गया...आपकी बच्ची जाते वक्त है आते वक्त नहीं दिखा..उसका कोई ब्वॉय फ्रेंड है...देख लेने को बोला...फिर बोला हमारे पुलिस स्टेशन में नहीं आता है...दूसरे पुलिस स्टेशन में जाओ...इसके चलते टाइम बर्बाद हो गया..हमारी बच्ची हमें नहीं मिली।
टी राघवन, संवाददाता- जब आपको ये कहा गया आपकी बहन में ही कोई गलती हो सकती है...आप एक पुलिस स्टेशन से दूसरे पुलिस स्टेशन जाइए...आपको गुस्सा आ रहा था सिस्टम के ऊपर ?
लेडी डॉक्टर की बहन- हां वो तो है, जब इमरजेंसी है, इमरजेंसी का मतलब अभी एक्शन लेना होता है...इसका मतलब ये नहीं कि हमारे पास ऑपरेटर प्राइवेट वाले हैं...ट्रेस करते हैं कल...मतलब इमरजेंसी अभी है तो अभी एक्शन लेना होता है...ऐसे सिस्टम में जो कुछ है चेंज होना है...अगर इमरजेंसी आज है, आप बोलते हो कल करते हैं...इसका तो कुछ मतलब ही नहीं है
टी राघवन, संवाददाता- क्या कहा गया था जब आप पुलिस स्टेशन पहुंचीं थीं?..तब आपको क्या कहा गया था?
लेडी डॉक्टर की बहन- जब मैं पुलिस स्टेशन गई थी मैं तो ऑडियो रिकॉर्डिंग दिखाई उनको...जिसमें आपकी बहन केस आखिरी बार बात हुई थी, उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चैक किया था...चेक करने के बाद...स्ट्रॉंगली बिहेव किया था..वो आया ही नहीं दोबारा...उतना जल्दी एक्शन नहीं लिया...कवरेज नहीं है सकता है...मुझसे पूछा गया था फ्रेंड्स हैं...तुम डरके तो नहीं बताया होगा...ऐसा कुछ मेरी मम्मा से बोल रहे थे...मैंने बोला फ्रेंड्स हैं ही नहीं।
टी राघवन- आप संतुष्ट हैं..तीन पुलिस कर्मी सस्पेंस किया..आपको लगा ऐसा एक्शन होना चाहिए तभी सिस्टम सुधर सकता है
लेडी डॉक्टर की बहन- करना ही है तभी ये चेंज आना है..करना है ऐसा।
टी राघवन, संवाददाता- आखिरी बार बात की थी पीड़िता ने...उस वक्त का अगर वैसे हम पूछना नहीं चाहते...आपका दिल को दुखाएगा...पूरा देश जानना चाहता है कि क्या बात हुई थी, क्या वो डरी हुई थीं...वो पूरा किस्सा क्या था?
लेडी डॉक्टर की बहन- जब बहन ने बोला था मैं डरी हुई हूं..पहले बताया था कि मैं डरी हुई हूं...इसके बाद थोड़ा बात किया था..मुझसे कहा था थोड़ा बात कर लो मेरे से...मैंने इतना सोचा नहीं था क्योंकि मैं हर दिन बात करती थी...इसलिए इतना नहीं फर्क नहीं पड़ा..पूरी घटना बताई, उसने बताया स्कूटी पंचर हो गई...किसी ने मुझे बताया..दोबारा लाया था..इसलिए मैंने सोचा था वो दोबारा आएंगे..बट।
टी राघवन, संवाददाता- आपने दोबारा कोशिश की तो फोन स्विच ऑफ हो गया?
लेडी डॉक्टर की बहन- मैंने 9.44 को दोबारा फोन किया था...तब स्विच ऑफ था..मैंने सोचा बैटरी ऑफ हो गया होगा..घर जा रही होगी।