Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. हैदाराबाद में बेहद खराब हालात! एक वेंटिलेटर बेड के लिए 5 से 6 मरीजों की वेटिंग

हैदाराबाद में बेहद खराब हालात! एक वेंटिलेटर बेड के लिए 5 से 6 मरीजों की वेटिंग

शहर के प्राइवेट अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं, जिस वजह से वो मरीजों को वापस लौटा रहे हैं। हैदराबाद के कोरोना के लिए डेडिकेटेड तीन सरकारी अस्पतालों- गांधी अस्पताल, तेलंगाना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च और किंग कोटि अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए एक लंबी प्रतीक्षा सूची है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 26, 2021 10:33 IST
hyderabad coronavirus oxygen ventilator beds waiting list  हैदाराबाद में बेहद खराब हालात! एक वेंटिले- India TV Hindi
Image Source : PTI हैदाराबाद में बेहद खराब हालात! एक वेंटिलेटर बेड के लिए 5 से 6 मरीजों की वेटिंग

हैदाराबाद. देश के ज्यादातर राज्यों में इस वक्त ऑक्सीजन की किल्लत है, जिस कारण बहुत सारे कोरोना मरीजों को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। ऐसे ही हालात तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि हैदराबाद में हर एक वेंटिलेटर बेड के लिए 5 मरीज वेटिंग में हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इसकी जानकारी दी गई। कोरोना के नाजुक मामलों की संख्या में तेज वृद्धि ने वेंटिलेटर की मांग को एक सर्वकालिक उच्च स्तर पर धकेल दिया है।

शहर के प्राइवेट अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं, जिस वजह से वो मरीजों को वापस लौटा रहे हैं। हैदराबाद के कोरोना के लिए डेडिकेटेड तीन सरकारी अस्पतालों- गांधी अस्पताल, तेलंगाना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च और किंग कोटि अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए एक लंबी प्रतीक्षा सूची है। गांधी अस्पताल के एक शीर्ष डॉक्टर ने बताया कि एक भी वेंटिलेटर फ्री नहीं है। हालांकि कई दिन में कई वेंटिलेटर बेड खाली होते हैं लेकिन हर बेड के लिए कम से कम 5 से 6 रोगी प्रतीक्षा कर रहे हैं। बिस्तर मिनटों में भर जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक वेंटिलेटर के इंतजार में मरीज का मरना आम हो गया है।

आपको बता दें कि तेलंगाना में निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में अनुमानित 4,000 वेंटीलेटर बेड हैं। रविवार को राज्य में करीब 63000 हजार एक्टिव केस थे। हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, संक्रमित मरीजों में से कुल 2 फीसदी को वेंटिलेटर्स की जरूरत होती है। प्राइवेट अस्पतालों में भी यही हालात हैं लेकिन वहां सरकारी अस्पतालों के मुकाबले कम वेटिंग लिस्ट है क्योंकि क्रिटिकल मरीज एक बार में कई प्राइवेट अस्पतालों में संपर्क करते हैं।

एक मरीज से रिश्तेदार सुभाष कुमार ने बताया कि जब तीन दिन पहले मेरे चाचा की हालत अचानक बिगड़ गई, तो हमें उन्हें स्थानांतरित करने के लिए कहा गया और हमने वेंटिलेटर बिस्तर की तलाश शुरू कर दी। अस्पतालों में से एक से आश्वासन प्राप्त करने के लिए हमें एक दिन और 1 लाख रुपये नकद देने पड़े। हमने जिन 8 अस्पतालों का दौरा किया, उनमें यह एकमात्र विकल्प था। यहां पहुंचने के बाद हमें 12 घंटे इंतजार करना पड़ा, जब एक मरीज की मृत्यु हुई, तब हमें वेंटिलेटर नसीब हुआ।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement