हैदराबाद: भारत के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मानव पर परीक्षण की अनुमति मिल गई है। ‘कोवैक्सिन’ नामक टीके का विकास भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है।
देश में अगले महीने से इस टीके का पहले और दूसरे चरण का परीक्षण शुरू होगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि टीके के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
कोरोना वायरस के खिलाफ एक टीका विकसित करने के प्रयास में दुनिया भर के ड्रग निर्माता लगे हुए हैं। वैक्सीन और जेनेरिक दवाओं के अग्रणी निर्माता, भारत को इस दौड़ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, जिसमें कई संस्थान विभिन्न दवाओं के साथ काम कर रहे हैं। हाल ही में सरकार की तरफ से कहा गया था कि 30 ग्रुप वैक्सीन बनाने के कार्य में लगे हुए हैं।
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, हालांकि सरकार ने अनलॉक के दूसरे चरण यानी अनलॉक-2 के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। नए दिशानिर्देशों में कंटेमेंट जोनों के बाहर और ज्यादा गतिविधियों को खोलने की इजाजत दी गई है।
नए दिशानिर्देश 1 जुलाई 2020 से प्रभावी होंगे। अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया इसमें आगे बढ़ाया गया है। जारी किए गए नए दिशानिर्देश, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त फीडबैक और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ व्यापक विचार-विमर्श पर आधारित हैं।