श्रीनगर: जेल में बंद एक हुर्रियत नेता की बेटियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है और उन्हें 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे की याद दिलाकर दिल्ली के तिहाड़ जेल से अपने पिता की रिहाई की मांग की है। भावुक पत्र में सुजेन और सुंदास शाह ने तिहाड़ में अपने बीमार पिता से मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि यह उन्हें पाकिस्तान की जेल में बंद कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी की उनसे मुलाकात की स्थिति की याद दिलाता है।
श्रीनगर के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली सुजेन और सुंदास मीरवाइज की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता शाहिद-उल-इस्लाम की बेटियां हैं। इस्लाम एनआईए द्वारा आतंक वित्तपोषण मामले में जांच के बाद गत वर्ष जून से जेल में बंद है। श्रीनगर के एक अखबार में उनके छपे पत्र के अनुसार, "उस देश में जहां प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे से उम्मीद खो चुकी सुविधाहीन लड़कियों के बीच उम्मीद जगती है, हम अपनी पढ़ाई को जारी रखने में सक्षम नहीं हैं।"
पत्र के अनुसार, "हमारे लिए हमारा घर एक जेल की तरह है, जबकि डैडी महीनों से जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ लगाए गए कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं।" दोनों ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, "हम आपसे तत्काल व्यक्तिगत हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं।"
दोनों लड़कियों ने कहा, "हमारी जिंदगी के बीते 11 महीने एक अनाथ की तरह गुजरे क्योंकि हाल ही में तिहाड़ में मिलने से पहले हम अपने प्यारे पिता से मिल नहीं पाए थे।" पत्र के अनुसार, "हम उन्हें मुश्किल से पहचान सके। मधुमेह, हाइपरटेंशन, गठिया से ग्रसित हमारे पिता का वजन स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव की वजह से 15 किलो तक घट गया है।"
दोनों ने कहा, "हम भारत, पाकिस्तान, कश्मीर की राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं लेकिन तिहाड़ जेल में अपने पिता से मुलाकात ने हमें कुलभूषण जाधव, उनकी बूढ़ी मां और पत्नी के पाकिस्तान की जेल में उनसे मुलाकात की याद दिला दी।"