हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल वीज ने शुक्रवार को बताया कि भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन (COVAXIN) का मानव परीक्षण आज पीजीआई रोहतक में शुरू कर दिया है। आज तीन लोगों को दवा दी गई है। सभी के शरीर ने वैक्सीन को बहुत अच्छी तरह से सहन किया है। इसके अलावा प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनी, बायोकॉन ने हाल ही में कहा है कि वह मध्यम से लेकर गंभीर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए बायोलॉजिक दवा इटोलिज़ुमाब पेश करेगी जिसकी कीमत लगभग 8,000 प्रति शीशी होगी।
कंपनी ने कहा है कि उसे कोविड-19 के कारण मध्यम से लेकर गंभीर तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (एआरडीएस) के मामले में साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम के उपचार के लिए भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए इटोलिज़ुमाब इंजेक्शन (25 मिग्रा/पांच मिली लीटर) के विपणन की भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी प्राप्त हुई है।
बायोकॉन नेइससे पहले एक नियामकीय सूचना में कहा था कि इटोलिज़ुमाब दुनिया का कहीं भी स्वीकृत पहला नोवल बायोलॉजिकल उपचार है, जिसमें कोविड-19 की गंभीर जटिलताओं से पीड़ित रोगियों का इलाज किया जाता है।
बायोकॉन के कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजदार-शॉ ने कहा, ‘‘जब तक वैक्सीन नहीं आती है, तब तक हमें जीवन रक्षक दवाओं की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि हम दुनिया भर में जो कर रहे हैं, वह यह है कि हम इस महामारी के इलाज के लिए दवाओं का पुन: उपयोग कर सकते हैं या नई दवाओं का विकास कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भले ही हमें इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में कोई टीका मिल जाए, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दोबारा संक्रमण नहीं होगा, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि जिस तरह से हम इसके काम करने की उम्मीद कर रहे हैं, यह उसी तरह से काम करेगा। इसलिए हमें तैयार रहने की जरुरत है।