नई दिल्ली: हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के एक छात्रावास की वार्डन द्वारा लड़कियों की कथित तौर पर कपड़े उतरवा कर जांच करने के मामले में मप्र सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस भेजा है। बताया जाता है कि छात्रावास में शौचालय के पास लापरवाहीपूर्वक फेंके गए सैनिटरी नैपकिन के मिलने के बाद वार्डन ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि यह नैपकिन किसने फेंका है। कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने अधीनस्थ महिला कर्मियों को लड़कियों के कथित तौर पर कपड़े उतरवा कर जांच करने को कहा ताकि यह पता चल सके कि किन किन लड़कियों को मासिक धर्म हुआ है।
25 मार्च को हुई इस घटना के बारे में मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने कहा कि अगर यह खबर सही है तो यह उन लड़कियों की मर्यादा के अधिकार के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है जिन्हें छात्रावास के प्राधिकारियों के अनैतिक कृत्य की वजह से अपमान और मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा।