जयपुर: एक घातक बीमारी से पीड़ित 17 वर्षीय दिव्यांग बच्चे ने राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में मिली दो लाख रूपये की राशि प्रधानमंत्री केयर्स फंड में दी है। सात आविष्कारों में से तीन के पेटेंट अपने नाम करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक हृदयेश्वर सिंह भाटी को भारत सरकार की ओर से एक-एक लाख रूपये के दो राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए थे।
भाटी ने यह राशि कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों की खातिर पीएम केयर्स फंड में देने का निर्णय किया है। हृदयेश्वर सिंह भाटी ने बताया कि देश ने उन्हें बहुत कुछ दिया और अब यह समय उनके योगदान का है। प्रमाणपत्र और मेडल्स वास्तविक पुरस्कार हैं जो मेरे पास हैं।
व्हीलचेयर से चलने वाले भाटी को पिछले साल दिसंबर में "भारत के सबसे उत्कृष्ट आविष्कारक और निवेशक बच्चे" की श्रेणी के तहत उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय पुरस्कार दिया था और इस साल जनवरी में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने "पीएम राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार" दिया था। ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित भाटी 2013 में देश के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक बने थे।