नई दिल्ली: गुजरात चक्रवात “वायु” की जद में है। मौसम विभाग ने चक्रवात की सूचना पहले ही दे दी थी। इसके लिए राज्य में तीनों सेनाओं समेत राज्य प्रशासन और NDRF की टीमें तैनाम हैं, जो बचाव कार्य कर रही हैं। राज्य के 10 जिलों में अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक आज दोपहर में "वायु" गुजरात में समंदर के तट से टकराएगा। तटीय इलाकों से तीन लाख से ज्यादा लोंगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। ऐसे में बचाव दल के दवान तो अपना काम कर रहे हैं। लेकिन, चक्रवात से प्रभावित होने वाले या चक्रवात में फंसने वाले लोगों को ये पता होना चाहिए कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
गुजरात की स्थिति?
गुजरात के 10 जिलों पर तूफान का सबसे ज्यादा खतरा है। इससे कच्छ, मोरबी, जामनगर, जूनागढ़, देवभूमि-द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, अमरेली, भावनगर और गिर-सोमनाथ जिले प्रभावित हो सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक समुद्र तट से करीब 10 किलोमीटर के इलाके में तूफान का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। वहीं, एहतियात के तौर पर सोमनाथ मंदिर में होने वाली आरती रद्द कर दी गई है। इसके अलावा 13 और 14 जून को स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
चक्रवात में फंस जाएं तो क्या करें?
- अगर किसी बाहरी की मदद नहीं पहुंचती है तो अपने घर के सबसे मजबूत हिस्से में जाकर छिप जाएं।
- छिपते समय हवा का भी ध्यान रखें, कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन आती रहे।
- खाने की ऐसी चीजें अपने पास रखें, जो जल्दी खराब नहीं होतीं। क्योंकि, हालात सामन्य होने तक उसी के काम चलाना होगा।
- अपने पास बैटरी रखें। क्योंकि, तेज हवा और बारिश (बारिश की संभावना होती है) के कारण बिजली चली जाती है।
- घर के दरबाजे और खिड़कियां बंद कर लें।
- तेज बारिश की वजह से घर के अंदर पानी भर सकता है। ऐसे में अपने छिपने वाले जगह से बाहर निकलने के बारे में भी पहले से ही सोचकर रखें।
- बाहर के हालातों की खबर रखने के लिए रेडियो जरूर रखें। क्योंकि, बिना बिजली टीवी, मोबाइल, इंटरनेट के लिए रेडियो के जरिए ही आप हालातों की जानकारी हासिल कर पाएंगे।
- मोबाइल की बैटरी सेव करें। ताकि नेटवर्क मिलते ही आप लोगों से संपर्क बना सके।
- गैस सप्लाई और बिजली के उपकरण बंद कर लें।
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि चक्रवात वायु से उत्पन्न खतरे को देखते हुये निचले इलाकों से करीब 3.10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है और राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 52 टीमों को तैनात कर दिया गया है। शाह ने बताया कि तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की इकाइयों को तैयार रखा गया है और विमानों एवं हेलीकॉप्टरों की मदद से हवाई निगरानी की जा रही है।