नई दिल्ली। इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख करीब है। वित्त वर्ष 2016-17 का इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तब दाखिल करना है। आम तौर पर एक वेतनभोगी कर्मचारी की नजर में इनकम टैक्स फाइल करने के लिए नियोक्ता द्वारा दिया गया फॉर्म-16 ही अहम होता है।
ऑनलाइन कैसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें
सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर स्वयं का रजिस्ट्रेशन कराएं। इसका यूजर आईडी आपका पैन नंबर होगा। ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने के दो खास तरीके हैं। पहले तरीके के सबसे पहले लॉग-इन करें और डाउनलो में जातर जरूरी फॉर्म को सेलेक्ट करें। इसमें सारी जानकारियां भरें और Generate XML पर क्लिक करें। इसके बाद वापस वेबसाइट पर जाकर Upload XML बटन दबाएं। दूसरे तरीके के लिए वेबसाइट पर क्विक ई-फाइल सेक्शन में जाएं. लॉग-इन करें, फॉर्म सेलेक्ट करें और फिर असेसमेंट ईयर सलेक्ट करें। अन्य डिटेल भरें।
ITR फॉर्म का चयन
आगे आपको इनकम के सोर्स को चुनना होगा। सैलरी, पेंशन, प्रॉपर्टी है तो आईटीआर 1 फॉर्म सेलेक्ट करें जिसको सहज नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा यदि किसी कैपिटल गेन से कमाई हुई है तो आईटीआर फॉर्म 2 सेलेक्ट करें।
फॉर्म 26AS
एक दूसरा डॉक्यूमेंट फॉर्म 26AS भी वेतनभोगी कर्मचारियों के इनकम टैक्स दाखिल करने के मामले में उतना ही महत्वपूर्ण होता है। आइए, जानते हैं कि ये फॉर्म 26AS आखिर है क्या और इसे कहां से प्राप्त किया जा सकता है।
ये होता है फॉर्म 26AS
फॉर्म 26AS एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें आपके वेतन से स्रोत पर हुई कर कटौती (TDS) की पूरी जानकारी होती है। वास्तव में यह एक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है जो प्रदर्शित करता है कि आयकर विभाग को आपकी तरफ से कितने टैक्स का भुगतान किया गया है।
ऐसे प्राप्त करें अपना फॉर्म 26AS
ऐसा नहीं है कि फॉर्म 26AS पाने में बहुत अधिक मशक्कत करनी होती है। आप आयकर विभाग की वेबसाइट (incometaxindiaefiling.gov.in) पर जाएं और अपने एकाउंट में लॉग-इन करें। इसके बाद ड्रॉप डाउन मेन्यू में से माई एकाउंट पर क्लिक करें। कंन्फर्मेशन के बाद आपको TRACES की वेबसाइट पर रिडाइरेक्ट किया जाएगा। यहां आप एसेसमेंट ईयर का चयन कीजिए और आपको फॉर्म 26AS उस एसेसमेंट वर्ष का नजर आ जाएगा। फॉर्म 26AS को खोलने के लिए आप पैन कार्ड पर छपी अपनी जन्मतिथि ddmmyyyy फॉर्मेट में डालें। कुछ बैंक भी फॉर्म 26AS डाउनलोड करने की सुविधा नेट बैंकिंग के जरिए उपलब्ध कराते हैं।
इसलिए जरूरी है फॉर्म 26AS
अगर फॉर्म 26AS में किसी करदाता का ज्यादा TDS काटा गया है तो यह समस्या खड़ी कर सकता है। आयकर विभाग करदाता से उस आय के बारे में पूछताछ कर सकता है जिसका जिक्र उसने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं किया है। ऐसी परेशिानियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप फॉर्म 26AS के हिसाब से ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करें।