नई दिल्ली: आज का वायरल बलात्कारी राम रहीम और उसकी लाडली हनीप्रीत की तिकड़मबाजी पर एक ऐसा खुलासा है जिसे सुनकर आपका दिमाग हिल जाएगा। सोशल मीडिया में ये खुलासा हुआ है कि किस तरह राम रहीम अपनी फिल्मों के जरिए ब्लैकमनी को व्हाइट करता था। सरकार और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बेवकूफ बनाता था।
खुला राम रहीम का एक और नया राज
जब से बलात्कारी राम रहीम जेल गया है तब से उस पर और भी कई संगीन आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया में हनीप्रीत और बाबा को लेकर एक और बड़ा खुलासा है। दावा ये है कि राम रहीम काले धन को सफेद करने के लिए फिल्में बनाता था। दावा ये है कि राम रहीम डेरे के नाम पर कई गैरकानूनी कारोबार में लिप्त था.. वो ब्लैकमनी को व्हाइट करने का धंधा भी करता था। उसके पास हजारों करोड़ के ब्लैकमनी का खजाना था इसलिए बलात्कारी बाबा ने फिल्में बनानी शुरु की ताकि वो ब्लैकमनी को व्हाइट कर सके।
उसकी फिल्मों को देखने वाले सभी लोग डेरा के भक्त होते थे और डेरा की तरफ से ही टिकट बांटे जाते थे मतलब ये के बाबा खुद ही टिकट खरीदता था और अपने भक्तों में बांट देता था। इसके बाद वो ये भी दावा करता कि उसकी फिल्म से 400-500 करोड़ रुपए की कमाई हुई है।
ब्लैकमनी को व्हाइट करने वाला तिकड़मबाज निकला बाबा
सोशल मीडिया के मुताबिक हनीप्रीत के कहने पर उसने फिल्मों का कारोबार शुरु किया जिसका मकसद अय्याशी के साथ साथ काले धन को सफेद करना था। वायरल खबर के मुताबिक हनीप्रीत ने फिल्म से जुड़ी कुछ कंपनियों के साथ मिलकर ब्लैकमनी को ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी। डेरे के लोगों ने इसके लिए मुंबई और दिल्ली में कई दफ्तर खोल रखे थे। इसमें दूसरी कंपनियों के साथ लेनदेन और बातचीत करने का जिम्मा MSG के CEO सी पी अरोड़ा की थी। बताया जा रहा है कि राम रहीम ने अब तक 5 फिल्में बनाई है और इन फिल्मों के जरिए 1000 करोड़ ब्लैक मनी को व्हाइट कर चुका है।
क्या राम रहीम फिल्मों के जरिए कालेधन को सफेद करता था?
हमारे चैनल इंडिया टीवी ने जब राम रहीम की मायावी दुनिया की तहकीकात शुरु की तो पता चला कि राम रहीम और हनीप्रीत 2015 में फिल्म इंडस्ट्री में आए.. राम रहीम की पहली फिल्म थी 'एमएसजी द मैसेंजर ऑफ गॉड' - बाबा ने दावा किया कि फिल्म ने 100 करोड़ रूपए कमाई कि जबकि बॉक्स आफिस पर नजर रखने वालों के मुताबिक फिल्म ने सिर्फ साढे 16 करोड़ रूपए का ही बिजनेस किया था।
इस फिल्म के सात महीने बाद राम रहीम ने दूसरी फिल्म एमएसजी 2 द मैसेंजर आई। बाबा ने दावा किया फिल्म ने तीसरे सप्ताह तक 275 करोड़ का कारोबार किया है जबकि बॉक्स आफिस के एक्सपर्ट्स के मुताबिक एमएसजी -2 द मैसेंजर ने सिर्फ 17 करोड़ का कलेक्शन किया। इसी तरह राम रहीम ने अपने सारे फिल्मों के बारे में झूठे दावे किए। अपनी फिल्मों को अमीर शाहरुख और सलमान खान की फिल्मों से भी बेहतर घोषित कर दिया। बलात्कारी बाबा ने तो अपनी लेटेस्ट फिल्म 'जट्टू इंजीनियर' के बारें दावा किया कि फिल्म ने पहले चार सप्ताह में 395 करोड़ कमाए।
300 करोड़ या उससे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बहुत ही कम होती है लेकिन जट्टू इंजीनियर जैसी फिल्म से 395 करोड़ की कमाई करना .. इस पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है मतलब साफ है कि राम रहीम अपनी फिल्मों के बारे जो दावे कर रहा है उसका हकीकत से कोई रिश्ता नहीं है।
क्या बलात्कारी बाबा अपनी फिल्मों की टिकट खुद खरीदता था?
बाबा अब तक पांच फिल्में बना चुका है। फिल्म देखने वाले बलात्कारी बाबा के फॉलोअर्स थे, वो फिल्म की टिकट खरीदते थे और लोगों को फिल्म फ्री में दिखाते थे। राम रहीम की सारी फिल्में सिरसा में बनती थी। डेरे में ही उसने स्टूडियो और प्रोडक्शन का करना शुरु कर दिया था। हनीप्रीत के साथ मिल वो पूरी फिल्म बना देता था। पहली फिल्म से अगर सौ करोड़ की कमाई हो गई थी तब भी इसने अपनी फिल्मों में प्रोफेशनल्स को क्यों शामिल नहीं किया। वैसे तो राम रहीम और हनीप्रीत ही फिल्म के सबकुछ होते थे लेकिन हमारी तहकीकात में ये भी पता चला कि जिन टेक्नीशियन्स को बाबा मुंबई से बुलाता था उनको पूरा पैसा भी नहीं देता था...बताए जा रहा है ये लगभग 80 लाख रुपए हैं जिनका कोई हिसाब नहीं हुआ क्योंकि डेरा के खाते सील हैं।
हमारी तहकीकात में एक और हैरान करने वाली जानकारी मिली। बलात्कारी बाबा ने अपनी ही दो 2 फिल्मों में एक्टिंग के लिए साढ़े 6 करोड़ रुपए चार्ज किए और हनीप्रीत ने 60 लाख रुपए लिए मतलब साफ है कि इन फिल्मों के जरिए राम रहीम ने अपने काले धन को सफेद किया। फिल्म समीक्षको के मुताबिक राम रहीम के दावे झूठे हैं। बाबा खुद ही फिल्में बनाता था खुद ही डिस्ट्रीब्यूट करता था और खुद ही ये क्लेम करता था कि उसकी फिल्मों ने 400 करोड़ रुपये कमा ली है।
क्या है बलात्कारी बाबा के 1000 करोड़ कालेधन का राज़?
इंडिया टीवी की तहकीकात में अब ये साफ हो गया कि बलात्कारी बाबा का ये दावा झूठा है कि उसकी फिल्में 200 से 400 करोड़ रुपये कमाती है। वो झूठे दावे करके कानून और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को झांसा देता रहा है क्योंकि हकीकत ये है कि उसकी फिल्में सिर्फ उसके समर्थक देखते हैं।
राम रहीम अपनी फिल्मों के जरिए तीन काम किया करता था। जिस तरह के उसपर आरोप लगे हैं उससे तो यही लगता है कि राम रहीम अपनी अय्याशी को अंजाम देने और कालेधन को सफेद करने के लिए फिल्में बनाता था और तीसरा ये कि वो इन फिल्मों के जरिए अपने भक्तों की आंखों में धूल झोंकता रहा। हमारी तहकीकात में ये भी पता चला कि राम रहीम के इस कारोबार में सरकार और अधिकारियों ने पूरा साथ दिया। उसकी सारी फिल्में टैक्स फ्री होती थी जिसका उसे भरपूर फायदा होता था।
देखिए वीडियो-