नई दिल्ली: भारत ने आज से ठीक एक साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा लिया था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सूबे को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख नाम से 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। गाहे-बगाहे कश्मीर राग गाने वाले पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस एक फैसले ने पाकिस्तान के अरमानों पर पानी फेर दिया था।
बता दें कि पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने अमेरिका गए थे। ट्रंप से मुलाकात के दौरान इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया था, जिसपर ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी। हालांकि भारत की कड़ी आपत्ति के बाद अमेरिका ने इसे लेकर सफाई भी जारी की थी। मुलाकात के दौरान ट्रंप ने इमरान की काफी तारीफ की थी, और कहा था कि ‘एक बेहतरीन एथलीट, और पाकिस्तान के बेहद लोकप्रिय प्रधानमंत्री की मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है।’ साथ ही उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि ये चीजें उन्हें सत्ता में वापस आने में मदद कर सकती हैं।
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‘ऐसा लगा जैसे कि मैं वर्ल्ड कप जीतकर आया हूं’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब अमेरिका का अपना दौरा पूरा कर स्वदेश लौटे, तो उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस पर इमरान ने कहा था कि ‘मुझे लगा कि मैं आधिकारिक दौरा करके नहीं बल्कि विश्व कप जीतकर वापस घर आया हूं।’ खान अमेरिका से तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को दुरुस्त करने के लिए 3 दिन के दौरे पर अमेरिका गए थे। इस दौरान उन्होंने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। खान ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से भी मुलाकात की। पाकिस्तान की मीडिया ने इस यात्रा को इमसान के लिए ‘कूटनीतिक तख्तापलट’ करार दिया है।
...और पाकिस्तान के पैरों तले खिसक गई जमीन
अमेरिका के खुश होकर लौटे इमरान खान की खुशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ही फैसले से पूरी तरह काफूर हो गई। इमरान खान को लगा था कि डोनाल्ड ट्रंप अपने कहे मुताबिक कश्मीर पर मध्यस्थता करते हुए भारत से बात करेंगे, लेकिन मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के हसीन ख्वाब को तार-तार कर दिया। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि भारत के इस कदम पर अमेरिका जरूर कुछ कहेगा, लेकिन उसने स्थिति पर नजर रखने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस तरह पीएम मोदी ने पाकिस्तान के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।