नई दिल्ली। कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (12 मई) रात 8 बजे अपने देश के नाम संबोधन में विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस संकट से निपटने के लिए सरकार और आरबीआई ने अबतक जो रहात पैकेज दिए हैं और आगे जो राहत पैकेज मिलने वाले हैं उन सबको मिला लिया जाए तो लगभग 20 लाख करोड़ की राशि बनती है, जो देश की अर्थव्यवस्था का लगभग 10 प्रतिशत है।
20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर 20 लाख करोड़ में कितने जीरो हैं को लेकर चर्चा तेज हो गई है। 20 लाख करोड़ में कितने जीरो को लेकर चर्चा तेज हो हई है। आप भी जानिए आखिर 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होंगे।
जानिए 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होंगे
- एक हजार (1000) में 3 शून्य
- एक लाख (100,000) में 5 शून्य
- एक करोड़ (10,000,000) में 7 शून्य
- 10 करोड़ में (100,000,000) में 8 शून्य
- 100 करोड़ या एक अरब (1,000,000,000) में 9 शून्य
- एक हजार करोड़ या 10 अरब (10,000,000,000) में 10 शून्य
- 10 हजार करोड़ या 100 अरब (100,000,000,000) में 11 शून्य
- 1 लाख करोड़ या एक ट्रिलियन (1,000,000,000,000) में 12 शून्य
- 10 लाख करोड़ या 10 ट्रिलियन (10,000,000,000,000) में 13 शून्य
- 20 लाख करोड़ या 20 ट्रिलियन (20,000,000,000,000) में भी 13 शून्य
जल्द होगी Lockdown 4.0 के नियमों की घोषणा
आपको बता दें कि, पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाए जाने को लेकर भी स्थिति साफ कर दी है। 18 मई के पहले ही नए रंग और रूप वाला लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा होगी। साथ ही पीएम ने 'आत्मनिर्भर भारत' का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से बनी विश्व की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनना होगादेश की नींव टिकी है इन 5 पिलर पर
देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश की नींव 5 पिलर पर टिकी हुई है। ये 5 पिलर- इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' की ये भव्य इमारत इन्ही 5 पिलर पर खड़ी होगी। पहला पिलर इकॉनमी, दूसरा पिलर है इन्फ्रास्ट्रक्टर, एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर है हमारा सिस्टम- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली, टेक्नोलॉजी ड्रिवेन व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर है हमारी डेमोग्राफी- दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पांचवां पिलर है डिमांड- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।