
नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्टिकल 370 हटे दो साल का वक्त बीत चुका है। दो साल पहले न सिर्फ जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था बल्कि आर्टिकल 370 को समाप्त कर कई और बदलाव किए गए थे। इन बदलावों के बाद केंद्र सरकार से लोकसभा में ये जानकारी मांगी गई थी कि जम्मू-कश्मीर में 370 हटने के बाद कितने 'बाहरी' लोगों ने जमीन खरीदी है, जिसका जवाब केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिया और बताया कि सिर्फ दो लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संपत्तियां खरीदी हैं।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से जम्मू कश्मीर में यहां से बाहर के केवल दो लोगों ने दो संपत्तियां खरीदी हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। प्रश्न पूछा गया था कि क्या देश के दूसरे राज्यों के अनेक लोगों ने अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में संपत्तियां खरीदी हैं या खरीदना चाहते हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गयी सूचना के अनुसार अगस्त, 2019 के बाद से केंद्रशासित प्रदेश से बाहर के दो लोगों ने यहां दो संपत्तियां खरीदी हैं।" क्या दूसरे राज्य की सरकार और लोगों को जम्मू कश्मीर में संपत्तियां खरीदने में कठिनाई आईं, इस प्रश्न के जवाब में राय ने कहा, "सरकार के सामने ऐसी कोई घटना नहीं आई है।" पांच अगस्त, 2019 से पहले जब जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था तो राज्य विधानसभा को किसी नागरिक को परिभाषित करने का संवैधानिक अधिकार था। केवल वे परिभाषित नागरिक ही राज्य में नौकरियों के लिए आवेदन करने या अचल संपत्ति खरीदने के हकदार होते थे।