नई दिल्ली: निजी अस्पतालों द्वारा लापरवाही बरतने के एक नए मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीजीएचएस) को शहर के न्यूटेक मेडिकल सेंटर के लाइसेंस को रद्द करने का निर्देश दिया है। उत्तराखंड के एक युवक को इस संस्थान ने गलती से एचआईवी पॉजिटिव घोषित कर दिया था। डीएमसी के मुताबिक, सलीम अहमद को एक दलाल ने दक्षिण दिल्ली के तैमूर नगर इलाके स्थित न्यूटेक मेडिकल सेंटर में एक मेडिकल फिटनेस परीक्षण के लिए भेजा था। अस्पताल ने उसे एचआईवी पॉजिटिव बताया।
अहमद ने दुबई में नौकरी के लिए आवेदन किया था और यह फिटनेस परीक्षण उसी का एक हिस्सा था। बाद में, गुरुग्राम और उत्तराखंड में अलग-अलग कराए गए परीक्षणों में उसे एचआईवी निगेटिव पाया गया और पूर्ण रूप से फिट घोषित किया गया।
अहमद ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से शिकायत की जिसने मामले को जांच के लिए डीएमसी को अग्रसारित किया। डीएमसी की कार्यकारी समिति ने मेडिकल सेंटर द्वारा एचआईवी परीक्षण रिपोर्ट तैयार करने में लापरवाही की शिकायत की जांच की जिसकी एक कॉपी आईएएनएस के पास मौजूद है।
पत्र में कहा गया है कि न्यूटेक मेडिकल सेंटर के अधीक्षक को बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद, वह एक लिखित बयान और अहमद के इलाज, परीक्षण और जांच से संबंधित मेडिकल रिकॉर्ड जमा करने में विफल रहे।
डीजीएचएस को लिखे पत्र में कहा गया है, "मेडिकल सेंटर का यह उद्दंड रवैया बेहद निंदनीय है और प्रबंधन की खराब स्थिति को दर्शाता..यह दिखाता है कि शिकायतकर्ता न्यूटेक मेडिकल सेंटर की अक्षमता का शिकार हुआ है क्योंकि उसे 1 फरवरी, 2017 को प्राप्त रिपोर्ट में गलत तरीके से एचआईवी पॉजिटिव की सूचना मिली जिसके कारण उसे पीड़ा से गुजरना पड़ा।"
पत्र में डीजीएचएस से न्यूटेक मेडिकल सेंटर को बंद करने समेत मामले पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। संस्थान पर आरोप लगाया है कि उसके पास परीक्षण के लिए न तो उचित उपकरण और न ही योग्य चिकित्सक हैं जो लैब को चला सके।