नई दिल्ली: 1984 सिख दंगों में कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका की जांच होगी। गृह मंत्रालय ने इस केस की जांच एसआईटी को सौंपने का फैसला किया है। इसका खुलासा आज दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने की। सिरसा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने कमलनाथ की भूमिका की जांच के लिए दिसंबर 2018 में तत्कालीन गृह मंत्री को चिट्टी लिखी थी।
सिरसा ने कहा कि गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में 1 नवंबर 1984 को कमलनाथ ने भीड़ को भड़काया था जहां दो सिखों को जिंदा जला दिया गया। सिरसा ने बताया कि इस संबंध में 1 नवंबर 1984 को ही संसद मार्ग थाने में एफआईआर संख्या 601/84 दर्ज हई थी। पुलिस ने इस केस में पांच लोगों को खिलाफ चार्जशीट दाखिल की लेकिन कमलनाथ का नाम इसमें नहीं था।
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इन सभी आरोपियों का आवासीय पता कमलनाथ का पता ही पाया गया। सिरसा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने एसआईटी के सामने यह मामला उठाया था।