नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी करके घोषणा की कि देश के विभाजन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों के स्मरण और सम्मान में 14 अगस्त को विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने यह अधिसूचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस आशय की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद जारी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 14 अगस्त को लोगों के संघर्षों एवं बलिदान की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा और कहा कि बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 14 अगस्त को विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का स्वागत किया है। शाह ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘देश के विभाजन का घाव व अपनों को खोने के दुःख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। मुझे विश्वास है कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा।’’
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि भारत के लोग, "आजादी का अमृत महोत्सव" मनाते हुए, देश के उन बेटों और बेटियों को सलाम करेंगे, जिन्होंने भारत के विभाजन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसमें कहा गया है, "भारत सरकार ने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया है।’’
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘इसलिए, भारत सरकार 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में घोषित करती है ताकि भारतीयों की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को विभाजन के दौरान भारत के लोगों के दर्द और पीड़ा की याद दिलायी जा सके।’’
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि बंटवारे के चलते नफरत और हिंसा की वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था और जान गंवानी पड़ी थी। वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश के रूप में बनाया गया था। उस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे तथा बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी। भारत रविवार (15 अगस्त) को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।