नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को कुछ चुनिंदा श्रेणियों के तहत देश आने की शुक्रवार को अनुमति दे दी। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार जिन लोगों को भारत आने की अनुमति दी गई है, उनमें वे ओसीआई कार्ड धारक शामिल हैं, जो परिवार में किसी आपात स्थिति के कारण देश आना चाहते हैं। विदेश में जन्मे भारतीय नागरिकों के उन नाबालिग बच्चों को देश आने की अनुमति दी गई है, जो ओसीआई कार्ड धारक हैं। इसके अलावा उन दम्पत्तियों को भारत आने की इजाजत दी गई है, जिनमें से एक के पास ओसीआई कार्ड है और दूसरा भारतीय नागरिक है तथा उनका भारत में कोई स्थायी निवास है।
विश्वविद्यालय के उन ओसीआई कार्डधारकों (जो कानूनी रूप से नाबालिग नहीं है) को भी देश आने की इजाजत मिल गई है, जिनके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और भारत में रह रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे ओसीआई कार्ड धारकों की उक्त श्रेणियों के लोगों को वापस लाने के लिए तैनात किए गए किसी विमान, पोत, ट्रेन या किसी भी अन्य वाहन पर यात्रा प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। इससे पहले सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने की कार्रवाई शुरू करते हुए सात मई को कहा था कि वह ओसीआई कार्डधारकों को भी भारत आने की अनुमति देने पर विचार कर रही है।
इस बीच, एक अन्य आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि ओसीआई कार्डधारकों की निर्दिष्ट श्रेणियों को मिली जीवन पर्यंत वीजा सुविधा व कई बार प्रवेश का अधिकार बहाल किया जाता है ताकि वे बिना किसी परेशानी के भारत आ सकें। सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ शुरू किया है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किए जाने की 24 मार्च को घोषणा की थी।पहले चरण में यह 14 अप्रैल तक लागू किया गया था। इसके बाद इस लॉकडाउन को पहले तीन मई, फिर 17 मई और अब 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया।