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गृह मंत्रालय का दावा, 4 साल में 4 गुना से ज्यादा बढ़ी वामपंथी उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की दर

गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि साल 2013 से 2016 के बीच 4 वर्षो की अवधि में देश में वामपंथी उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण की संख्या में 411 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है...

Edited by: Bhasha
Published on: March 26, 2018 14:51 IST
Home ministry data claims huge number of Maoists surrendering in the country | PTI- India TV Hindi
Home ministry data claims huge number of Maoists surrendering in the country | PTI

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि साल 2013 से 2016 के बीच 4 वर्षो की अवधि में देश में वामपंथी उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण की संख्या में 411 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तथा आंतरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियां: मूल्यांकन एवं प्रतिक्रिया तंत्र’ विषय पर संसदीय समिति को गृह मंत्रालय ने बताया कि देश के 10 राज्यों में 106 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं जिनमें से 7 राज्यों में 35 जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, साल 2013 से 2016 की अवधि में वामपंथी उग्रवादी घटनाओं में कुल 7.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है और यह वर्ष 2013 की 1,136 घटनाओं की तुलना में घटकर वर्ष 2016 में 1,048 रह गईं। 

इसी प्रकार से वामपंथी उग्रवाद से संबंधित मौतों में भी 30 प्रतिशत की कमी आई है और ये इस अवधि में 379 की तुलना में घटकर 278 रह गई हैं। समिति को बताया गया कि साल 2017 में 15 फरवरी तक माओवादी हिंसा की 143 घटनाएं घटी है जिसमें 45 मौतें हुई। मंत्रालय ने बताया कि 2013 से 2016 की अवधि में सशस्त्र माओवादी कैडरों के मारे जाने के मामलों में 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो साल 2013 के 100 की तुलना में साल 2016 में बढ़कर 222 हो गई। इसी तरह से मुठभेड़ों के मामलों में भी 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया कि इस अवधि में सुरक्षा बलों के कर्मियों की क्षति के मामलों में भी 43 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है और यह 115 से घटकर 65 रह गई।

मंत्रालय का दावा है कि ये आंकड़े सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे अभियानों और गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए क्षमता निर्माण उपायों की प्रभावशीलता को दर्शातें हैं। इसके साथ ही हिंसा के मार्ग को छोड़ने वाले और मुख्यधारा में लौटने वाले वामपंथी उग्रवादियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। समिति को यह भी बताया गया कि वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा जहां 395 घटनाएं घटी और 107 मौतें हुई। झारखंड में 323 घटनाएं एवं 85 मौत, बिहार में 129 घटनाएं एवं 28 मौत, ओडिशा में 86 घटनाएं एवं 27 मौतें और महाराष्ट्र में 73 घटनाएं एवं 23 मौत के मामले सामने आए हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि वामपंथी नए राज्यों को निशाना बना रहे हैं तथा वह अपना आधार कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के साझा सीमावर्ती इलाकों में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। वे सड़क निर्माण जैसी विकास गतिविधियों का भी निरंतर विरोध कर रहे हैं।

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