नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव ने कोरोना वायरस के मद्देनजर किए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को भोजन एवं आवास सहित पर्याप्त सहायता देने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखा है। राज्यों को यह सलाह दी गई है कि वे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं इत्यादि का अपने मौजूदा आवास में ही बने रहना सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाएं। राज्यों को यह एडवाजरी शुक्रवार को ही जारी कर दी गई थी।
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से जारी एडवाइजरी में राज्यों को सुझाव दिया गया है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों, विशेषकर विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलें कम करने के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ अलग-अलग एजेंसियों के सहयोग से उन्हें स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और आश्रय भी प्रदान करने के उपाय करने चाहिए।
इसके अलावा, राज्यों को यह सलाह भी दी गई है कि वे इन असुरक्षित वर्गों या लोगों को सरकार द्वारा किए गए विभिन्न ठोस उपायों से अवगत कराएं जिनमें पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं मुफ्त में मुहैया कराना भी शामिल है। यह भी सलाह दी है कि राज्यों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि होटल, किराये पर दिए गए कमरे, छात्रावास इत्यादि निरंतर चालू अवस्था में रहें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी सुव्यवस्थित रहे, ताकि छात्र-छात्राएं, कामकाजी महिलाएं, छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी इत्यादि आवश्यक सावधानियां बरतते हुए अपने-अपने वर्तमान कमरों एवं आवासों में ही आगे भी रह सकें।