नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले एक दशक से ज्यादा समय से विभिन्न आतंकवादी मामलों में वांछित आतंकवादी जुनैद को गिरफ्तार करने पर दिल्ली पुलिस की प्रशंसा की है। साथ ही, उन्होंने अपराध का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत पर जोर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा में दबोचा गया जुनैद 2008 में बटला हाउस में पुलिस और आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों के बीच गोलीबारी में मौजूद था लेकिन वह वहां से भागने में सफल रहा था।
दिल्ली पुलिस के 71वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने 'दिल्ली पुलिस शहीद कोष' में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की। सामान्यतया इस कोष में दिल्ली पुलिसकर्मी साल में एक दिन का वेतन जमा करते हैं। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों की जांच में फोरेंसिक का महत्व बहुत अधिक हो गया है। सरकार राष्ट्रीय राजधानी में और ज्यादा फोरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित कर रही है। इसके अलावा जल्द ही 'अपराध और अपराधी निगरानी तंत्र' (सीसीटीएनएस) के पूरी तरह शुरू होने के बाद पुलिस बल को नई ताकत मिल जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा, "दिल्ली देश की राजधानी है, दिल्ली पर पूरे देश की नजर रहती है। इसलिए देश भर के लोग दिल्ली पुलिस से बहुत उम्मीद करते हैं। इसके लिए दिल्ली पुलिस को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे और उन्हें और ज्यादा सतर्क और चौकन्ना होना होगा।"उन्होंने कोलंबिया की राजधानी बोगोटा का हवाला देते हुए कहा कि बोगोटा पहले हत्या की राजधानी के रूप में जानी जाती थी। इसके बाद की पुलिस ने इसमें परिवर्तन किया और वह आज एक सुरक्षित शहर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में एक मजबूत रणनीति बनाकर आपराधिक आंकड़ों पर नियंत्रण किया जा सकता है।