नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मेदांता अस्पताल के चिकित्सकों ने शाह को टीका लगाया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने खुद टीका लगवाकर कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर उठते तमाम सवालों का जवाब दे दिया। माना जा रहा है कि दोनों शीर्ष नेताओं के टीका लगवाने के बाद टीकाकरण अभियान में और तेजी आएगी।
बता दें कि मोदी सरकार के मंत्रियों ने पैसे देकर प्राइवेट वैक्सीन लगवाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी कह चुके हैं कि सभी मंत्रियों ने अपने पैसे से टीका खरीदकर लगवाने का निर्णय लिया है। बीजेपी ने भी अपने सांसदों-विधायकों को 250 रुपये का टीका खरीदकर लगवाने की अपील की है ताकि समाज के समर्थ लोग भी सरकारी अस्पतालों से मुफ्त लगवाने की जगह पैसे देकर टीके लगवाएं। इससे सरकारी अस्पतालों का मुफ्त टीका जरूरतमंदों को देने के काम में आएगा।
गौरतलब है कि शाह ने पिछले साल दो अगस्त को ट्विटर पर कहा था कि उनकी कोविड-19 की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। उनका मेदांता अस्पताल में इलाज चला था और जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। कोविड के बाद के उपचार के लिए उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भी भर्ती किया गया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली स्थित AIIMS में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली। इस दौरान उन्होंने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए अस्पताल के स्टाफ से मजाक किया। दरअसल, जब पीएम मोदी सुबह-सुबह AIIMS पहुंचे, तो स्वाभाविक था कि अस्पताल का मेडिकल स्टाफ शायद स्थिति से थोड़ा तनाव में हो। ऐसे में पीएम मोदी ने तुरंत उनसे बातचीत की और उनसे उनके नाम और जन्म स्थानों के बारे में पूछा ताकि वह थोड़ा सहज महसूस करें।
इसके बाद माहौल हल्का करने के लिए पीएम मोदी ने मजाक में नर्स से पूछा कि क्या वह कोरोना टीका लगाने के लिए पशु चिकित्सा प्रयोजनों के लिए बनी मोटी सुई का इस्तेमाल करेंगी। इसपर नर्स ने 'नही' कहा लेकिन वह सवाल का पूरा समझीं नहीं। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें मजाक में ही अपने सवाल को समझाया कि राजनेता बहुत मोटी चमड़ी के होते हैं, तो क्या वह इनके (नेताओं) लिए कुछ विशेष मोटी सुइयों का उपयोग करने की योजना भी बना रही थीं।