नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर 13 किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ शुक्रवार को पूसा संस्थान में एक बैठक हुई। यह बैठक पहले अमित शाह के घर पर होनी थी लेकिन किसान नेताओं में मतभेद सामने आने के बाद में यह पूसा संस्थान में हुई। इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल भी शामिल हुए। बैठक के बाद एक किसान नेता ने कहा कि सरकार बुधवार को किसान नेताओं को नया प्रस्ताव देगी। उन्होंने कहा कि सरकार क्या संशोधन करेगी, वह लिखित में दिया जाएगा। किसान नेता ने कहा कि सरकार बिल वापस लेने के पक्ष में नहीं है।
बुधवार को नहीं होगी सरकार और किसानों के बीच बैठक
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने कहा कि कल (बुधवार) सरकार और किसानों के बीच अब कोई बैठक नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'मंत्री ने कहा है कि कल किसान नेताओं को एक प्रस्ताव दिया जाएगा। सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेता बैठक करेंगे।'
इससे पहले किसान नेताओं ने भारत बंद सफल होने का दावा करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे। बुधवार को किसानों के साथ मोदी सरकार की छठे राउंड की मुलाकात होने वाली है। इससे पहले राकेश टिकैत का अमित शाह से मिलना बेहद अहम माना जा रहा है। किसान नेता आर.एस.मनसा ने सिंघु बॉर्डर पर कहा, ‘‘बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब देने को कहेंगे।’’
मनसा ने दावा किया कि केंद्र सरकार भारत बंद के सामने झुक गयी है। एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि भारत बंद सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया।
किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी के मैदान नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक खुली जेल है। उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि वे दिल्ली और हरियाणा की जनता को परेशान नहीं करना चाहते।