नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में बंद किए ऐतिहासिक स्मारकों को फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि 6 जुलाई से सभी ऐतिहासिक स्मारकों को पूर्ण सुरक्षा के साथ खोला जा सकता है। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन को लेकर अब अनकॉक की प्रक्रिया चल रही है। जिसके दूसरे चरण यानी अनलॉक 2 में ऐतिहासिक स्मारकों को पूरी सुरक्षा के साथ खोला जा रहा है।
संस्कृति मंत्रालय ने गुरुवार (2 जुलाई) को कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित सभी स्मारक छह जुलाई से जनता के लिए फिर खुल जाएंगे जिनमें केवल ई-टिकट से प्रवेश मिलेगा और पर्यटकों की संख्या सीमित रखी जाएगी। इसके अलावा पर्यटकों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इससे पहले जून में संस्कृति मंत्रालय ने एएसआई के रख-रखाव वाले 3,000 से अधिक स्मारकों में से 820 को फिर खोल दिया था जहां धार्मिक समारोह होते हैं। कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर 17 मार्च से केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारक और पुरातत्व स्थल बंद थे जिनकी देखभाल एएसआई करता है।
संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्वीट किया, 'मैंने संस्कृति मंत्रालय और एएसआई के साथ मिलकर सभी स्मारकों को छह जुलाई से फिर से खोलने का निर्णय लिया है।' हालांकि राज्य और जिला प्रशासन की अनुमति से ही ऐसा किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि जो भी स्मारक फिर खुलेंगे, उनमें स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मारकों में प्रवेश के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही टिकट जारी किये जाएंगे और स्मारकों की पार्किंग तथा कैफेटेरिया में केवल डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा।
मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, 'चुनिंदा स्मारकों में पर्यटकों की संख्या की एक सीमा तय होगी। पर्यटक सामाजिक दूरी के नियम का पालन करेंगे। प्रवेश द्वार पर हाथ धोने या सेनेटाइज करने और थर्मल स्कैनिंग की अनिवार्य व्यवस्था होगी।' आगरा के ताज महल में एक स्लॉट में 2500 पर्यटक जा सकेंगे, वहीं दिल्ली की कुतब मीनार और लाल किले में प्रति स्लॉट अधिकतम 1500 लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी।