कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर हिन्दू और भारतीय मुस्लिमों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह कवायद घुसपैठियों को निकालने के लिए है। भाजपा के नेताओं ने बार-बार कहा कि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी की सत्ता आने पर राज्य में एनआरसी को लागू किया जाएगा। इससे लोग दहशत में आ गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में घोष की टिप्पणी आई है।
सैकड़ों लोग शहर और राज्य के अन्य हिस्सों में अपने जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज लेने के लिए सरकारी और नगर निकाय के दफ्तरों के बाहर कतार लगाए खड़े हैं, ताकि अगर राज्य में एनआरसी को लागू किया जाए तो उनकी तैयारी पूरी रहे। हालांकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार ने आश्वस्त किया है कि वह राज्य में एनआरसी को नहीं होने देगी।
घोष ने कहा, ‘‘एनआरसी से हिन्दू और भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के जरिए नागरिकता दी जाएगी। जो मुसलमान पिछले कई दशकों से भारत में रह रहे हैं और उनके पास उचित दस्तावेज हैं, वे प्रभावित नहीं होंगे। वे भारत के नागरिक रहेंगे।’’
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को 12 साल के बजाए सात साल तक भारत में रहने पर भारतीय नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं हो। इस विधेयक को आठ जनवरी को लोकसभा ने अपने शीतकालीन सत्र के दौरान पारित कर दिया था लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था।
घोष ने कहा, ‘‘बांग्लादेश से घुसपैठ करके आए लोगों को ही चिंता करनी चाहिए, क्योंकि एनआरसी के लागू होने के बाद उनकी पहचान हो जाएगी और उन्हें देश से बाहर कर दिया जाएगा।’’ भाजपा नेता कहा कि भारतीय मुस्लिमों को इस बात की फिक्र होनी चाहिए कि घुसपैठिए उनकी नौकरियां और रोजगार खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को बचाने के लिए एनआरसी का विरोध कर रही है जो पश्चिम बंगाल में उसका वोट बैंक हैं।