नई दिल्ली: हिंदी के मशहूर साहित्यकार और आलोचक डॉक्टर नामवर सिंह का मंगलवार रात निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नामवर ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रात तकरीबन 11.50 बजे दुनिया को अलविदा कह दिया। आपको बता दें कि वह ब्रेन हैमरेज की वजह से पिछले लगभग एक महीने से एम्स के ट्रॉमा सेंटर में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। इसी साल जनवरी में वह अपने घर में अचानक गिर गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
परिजनों के मुताबिक, लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर बुधवार दोपहर बाद नामवर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। नामवर के निधन से जहां हिंदी साहित्य के एक युग का अंत हो गया है, वहीं साहित्यकारों में शोकर की लहर है। उनका जन्म जुलाई 1926 में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में स्थित जीयनपुर गांव में हुआ था। नामवर हिंदी साहित्य के बड़े रचनाकार हजारी प्रसाद द्विवेदी के शिष्य थे। उनकी गिनती हिंदी साहित्य जगत के बड़े समालोचकों में थी। साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित नामवर सिंह कुछ समय तक चुनावी राजनीति में भी रहे।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से हिंदी साहित्य में MA और PhD की डिग्री हासिल करने वाले नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य जगत में आलोचना को एक नया मुकाम दिया। उन्होंने BHU के अलावा दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में लंबे अरसे तक अध्यापन कार्य किया था। नामवर ने JNU से पहले सागर और जोधपुर यूनिवर्सिटी में भी अध्यापन किया। 1959 में उन्होंने चकिया-चंदौली सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ा लेकिन हार के बाद BHU में पढ़ाना छोड़ दिया।