नयी दिल्ली: बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ था। आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। हालांकि शुरू में हिंदी और अंग्रेजी दोनो को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया, लेकिन वह 14 सितंबर 1949 का दिन था, जब संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया।
हिंदी का देश की राजभाषा घोषित किए जाने के दिन ही हर साल हिंदी दिवस मनाने का भी फैसला किया गया। वैसे पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। राजभाषा की अधिकारिक वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू डॉट राजभाषा डॉट एनआर्इसी डॉट इन के मुताबिक इस दिन की शुरुआत आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी।
हिंदी 1965 में भारत में एक आधिकारिक भाषा बन गई थी। राज्य स्तर पर हिंदी बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बोली जाती है। दुनिया भर में करीब 75 करोड़ लोग हिंदी भाषा बोलते हैं।
हिंदी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। हिंदी का नाम फारसी शब्द हिंद से निकला है। इसका अर्थ 'सिंधु नदी की भूमि' है। सीखने या पढ़ने के लिए सबसे आसान भाषाओं में मानी जाती है।
विश्वभर में हिंदी भाषा के प्रचार के लिए 10 जनवरी 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी सम्मेलन रखा गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। 2006 के बाद से हर 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
फ़िजी दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में बसा एक द्वीप देश है। क्या आप जानते हैं कि फ़िजी में हिंदी को आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसे फ़िजियन हिन्दी या फ़िजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं। यह भारत में बोली जाने वाली अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का समावेश है।