शिमला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बृहस्पतिवार को 381 और प्रवासी पक्षी मृत मिले जिसके बाद मृत पक्षियों की संख्या बढ़कर 3,409 हो गई है। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि पोंग नम भूमि क्षेत्र के आसपास पिछले कुछ दिनों में 64 कौवे भी मृत पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में कई कौवे मृत पाए गए और उनके नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। माना जा रहा है कि पक्षियों की मौत एच5एन1 एवियन इंफ्लूएंजा के प्रकोप के कारण हुई है, जो एक प्रकार का बर्ड फ्लू है।
मुख्य वन्यजीव संरक्षक अर्चना शर्मा ने कहा कि देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम स्थिति का आकलन करने और प्रकोप को रोकने के लिए पोंग का दौरा कर रही है। उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों के संग्रह और सुरक्षित निपटान के लिए अभयारण्य क्षेत्र के नौ हिस्सों में 10 त्वरित प्रतिक्रिया टीमें काम कर रही हैं।
निगरानी अभियान के लिए 55 लोगों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नगरोटा सुरियन में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शुक्रवार को धर्मशाला में वन्यजीव, पशुपालन, स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
बता दें कि कांगड़ा में प्रवासी पक्षियों की 17 प्रजातियां संक्रमित पाई गई हैं। इसमें से अधिकांश बार हैडेड गीज हैं। ये पक्षी हिमाचल में सेंट्रल एशिया, पूर्व सोवियत संघ, चीन, मंगोलिया, साइबेरिया जैसे देशों में आते हैं।
पशुपालन विभाग के उप निदेशक उपनिदेशक डा. संजीव कुमार धीमान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के आदेशानुसार बर्ड फ्लू को डोमेस्टिक और कॉमर्सियल पोल्ट्री फार्म में फैलने से रोकने के लिए कुल 18 रेपिड टास्क फोर्स तैयार की गई है, जो की अब मृतक प्रवासी परिंदो का वैज्ञानिक आधार पर निपटारन करेंगे। वहीं, सोलन और बिलासपुर में भी कुछ जगह मुर्गे और कोए मृत मिले हैं।
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