शिमला। हिमाचल प्रदेश में बस का किराया जल्द ही बढ़ सकता है क्योंकि राज्य सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। राज्य के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। दो महीने के अंतराल के बाद एक जून को राज्य में बस सेवा फिर से शुरू की गई थी। कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 22 मार्च को लागू लॉकडाउन के बाद बस सेवा को निलंबित कर दिया गया था।
सरकार ने अंतरराज्यीय बस यात्रा पर रोक जारी रखते हुए राज्य के भीतर गैर-वातानुकूलित बसों की आवाजाही की अनुमति दी है। हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) राज्य के भीतर अपनी बसें चला रहा है और वहीं निजी बस ऑपरेटरों ने सेवाएं बंद कर किराया वृद्धि की मांग की है। निजी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि परिवहन मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगली कैबिनेट बैठक में बस किराए में बढ़ोतरी का निर्णय लिया जाएगा। राज्य में दो साल पहले बस किराए में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। उस समय मैदानी इलाकों में सामान्य बसों का किराया 90 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 1.12 रुपए और पहाड़ी इलाकों में किराए को 1.45 रुपए से बढ़ाकर 1.75 रुपए प्रति किलोमीटर किया गया था।
इसी प्रकार डीलक्स बसों का किराया मैदानी इलाकों के लिए 1.10 रुपए से बढ़ाकर 1.37 रुपए और पहाड़ी इलाकों के लिए 1.80 रुपए से बढ़ाकर 2.17 रुपए प्रति किलोमीटर किया गया था। वातानुकूलित बसों के लिए किराया मैदानी इलाकों के लिए 2.20 रुपए से बढ़ाकर 2.74 रुपए और पहाड़ी इलाकों के लिए 3 रुपए से बढ़ाकर 3.62 रुपए प्रति किलोमीटर किया गया था। उस समय बस का न्यूनतम किराया 6 रुपए तय किया गया था।