नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया के जरिए संदेश फैलने के बाद भारत में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कोई ‘‘चिंतित’’ नहीं है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने सोशल साइटों पर यौन अपराधों के वीडियो बंद करने से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
पीठ ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर आजकल कई चीजें आ रही हैं। लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की जा रही है लेकिन कोई चिंतित नजर नहीं आता।’’ इससे पहले 17 जुलाई को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने कहा था कि ‘‘भीड़तंत्र द्वारा भयानक कृत्यों’’ को देश के कानून को कुचलने नहीं दिया जा सकता।
पीठ ने संसद से भीड़ द्वारा हत्या और गौरक्षा के नाम पर हत्या से कड़ाई से निपटने के लिए नया कानून पारित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। पीठ ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए अगस्त के चौथे सप्ताह तक स्थगित कर दिया।