नई दिल्ली: झारखंड का मुख्यमंत्री बनने जा रहे झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें 29 दिसम्बर को अपने शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया। वह बुधवार शाम सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास पर पहुंचे और उन्हें आमंत्रित किया। सोरेन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी आमंत्रित किया है। सोरेन ने कहा, ‘‘हमने सोनिया जी से मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण में आमंत्रित किया। राहुल जी से मिलकर उन्हें आमंत्रित किया है।''
उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों नेता उनके शपथ ग्रहण में मौजूद होंगे। सरकार गठन पर हो रही वार्ता के बारे में पूछने पर सोरेन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको इंतजार करना चाहिए, वह होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने आया था ताकि उन्हें अपने शपथ ग्रहण में आमंत्रित कर सकूं। मैंने झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के लिये बधाई भी दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन स्थिर सरकार प्रदान करेगा, जो पूरे पांच साल चलेगी।’’ उनके साथ कांग्रेस नेता के.सी.वेणुगोपाल और आर.पी.एन. सिंह भी थे, जो झारखंड में पार्टी के प्रभारी हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में झामुमो नेता ने कहा, ‘‘यह गठबंधन पांच साल सरकार चलाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। जनता ने जिस आशा और आकांक्षा के साथ बहुमत दिया है, उसे हम लोग पूरा करेंगे।’’ यह पूछने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं को भी निमंत्रण देंगे तो सोरेन ने कहा, ‘‘जब हम चुनाव लड़ रहे थे तो मैं उन्हें भाजपा के रूप में देखता था लेकिन अब मैं उन्हें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री (अमित शाह) के तौर पर देखता हूं।’’
सोरेन दोपहर यहां पहुंचे और संभावना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उन्हें भी निमंत्रण दे सकते हैं। दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद 29 दिसंबर को सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। झामुमो ने बुधवार को कहा कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
एक दिन पहले सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उन्हें 50 विधायकों के समर्थन का पत्र पेश किया। चुनाव में गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें मिलीं। झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को एक सीट मिली। भाजपा पहली बार झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी और वह 25 सीटों पर सिमट गई।