Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. पोकरण में एंटी टैंक मिसाइल ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण, दुनिया के किसी भी टैंक को ध्वस्त करने में है माहिर

पोकरण में एंटी टैंक मिसाइल ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण, दुनिया के किसी भी टैंक को ध्वस्त करने में है माहिर

इंडियन एयर फोर्स ने आज पोकरण फायरिंग रेंज में सबसे कारगर ध्रुवास्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया। हेलिकॉप्टर ध्रुव से दागी गई देश में ही विकसित इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक प्रहार कर उसे नष्ट कर दिया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : February 19, 2021 23:20 IST
पोकरण में एंटी टैंक...
Image Source : TWEETED BY ANI पोकरण में एंटी टैंक मिसाइल ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण, दुनिया के किसी भी टैंक को ध्वस्त करने में है माहिर

पोकरण: इंडियन एयर फोर्स ने आज पोकरण फायरिंग रेंज में सबसे कारगर ध्रुवास्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया। हेलिकॉप्टर ध्रुव से दागी गई देश में ही विकसित इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक प्रहार कर उसे नष्ट कर दिया। तीन दिन से पोकरण में एयर फोर्स और DRDO की टीम इसके परीक्षण की तैयारियों में जुटी थी। नाग पीढ़ी की इस मिसाइल को हेलिकॉप्टर से दागे जाने की वजह से इसे हेलिना नाम दिया गया। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह मिसाइल सभी तरह के मौसम, चाहे दिन हो या रात अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक हमला करने में सक्षम है।

भारत ने स्वदेश में विकसित टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल प्रणालियों 'हेलिना' और 'ध्रुवास्त्र' का शुक्रवार को सफल परीक्षण किया। इसके साथ ही इन मिसाइलों के क्रमशः थल सेना और वायु सेना में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों को विश्व में सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक बताया। इन मिसाइलों का राजस्थान के पोखरण रेगिस्तान में परीक्षण किया गया।

मंत्रालय ने कहा कि यह प्रणाली सभी मौसम में और दिन या रात में लक्ष्य साधने में सक्षम है और इससे टैंकों को निशाना बनाया जा सकता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइलों की क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए पांच मिशन संचालित किए गए। मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन उपलब्धियों के लिए डीआरडीओ, सेना और वायु सेना को बधाई दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षणों में शामिल टीमों के प्रयासों की सराहना की।

सैन्य सूत्रों का कहना है कि तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' की तकनीक पर काम करने वाली देश में ही विकसित इस मिसाइल को घ्रुवास्त्र नाम भी दिया गया है। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल किया जा रहा है। जबकि हेलिना हथियार प्रणाली को भारतीय सेना (आईए) में शामिल किया जा रहा है। परिक्षण के बाद इस मिसाइल को एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा। इसका इस्तेमाल ध्रुव हेलिकॉप्टर के साथ किया जाएगा। साथ ही से हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर से भी दागा जा सकता है। रणक्षेत्र में आगे बढ़ते दुश्मन के टैंकों को बारी-बारी से यह मिसाइल ध्वस्त करने में पूर्णतया सक्षम है। यह मिसाइल दुनिया के किसी भी टैंक को उड़ा सकती है।

मिसाइल की विशेषताएं

  1. जमीनी लक्ष्यों को सटीकता से तबाह करने में सक्षम
  2. दुनिया में अत्याधुनिक ऐंटी टैंक हथियारों में से एक
  3. नाग मिसाइल का हेलिकॉप्टर लॉन्च वर्जन है हेलिना
  4. 7 से 8 किलोमीटर तक है इस मिसाइल की रेंज
  5. एचएएल ध्रुव और एचएएल लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर से लॉन्च

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement