नयी दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के फिर से सक्रिय होने के बाद उत्तरी क्षेत्र सहित देश के कई हिस्सों में अगले छह-सात दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। विभाग ने कहा कि 17 से 20 जुलाई तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। उसने कहा कि 18 से 20 जुलाई तक पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा 18 जुलाई को दिल्ली में भारी बारिश की संभावना है।
विभाग ने कहा कि 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश में, 19 जुलाई को जम्मू में और 18 और 19 जुलाई को उत्तराखंड में भी भारी बारिश का अनुमान है। उसने कहा, ‘‘अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश और दक्षिण राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने की आशंका और बारिश होने का अनुमान है।’’
अगले छह-सात दिनों के दौरान गुजरात को छोड़कर पश्चिमी तट और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत के शेष हिस्सों में व्यापक बारिश होने की संभावना है। विभाग ने कहा कि इसी अवधि के दौरान कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों, कर्नाटक, केरल में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश का अनुमान है।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि इस मौसम के सामान्य तापमान से तीन डिग्री अधिक है। आईएमडी ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 18 जुलाई को भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि शाम पांच बजकर 30 मिनट पर सापेक्षिक आर्द्रता 56 प्रतिशत दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने शनिवार को दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और गरज के साथ बौछारें पड़ने अथवा हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है। शहर में मानसून के आने की सामान्य तारीख 27 जून के 16 दिन बाद मंगलवार को इस मौसम की पहली बारिश हुई थी।
बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से चार डिग्री सेल्सियस नीचे है। वहीं अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है।
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