नई दिल्ली: प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत कभी चीन से भी आगे था, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और वहां की प्रति व्यक्ति आय भी भारत के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसकी तमाम वजहें गिनाई जाती हैं, जिनमें चीन के लोगों का कहीं ज्यादा मेहनतकश होना और भारत के मुकाबले वहां मौसम का बेहतर होना माना जाता है। अब तो एक रिपोर्ट ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गर्मी के मौसम में लोगों के काम-काज पर असर पड़ता है और वे चीन के लोगों से भी कम काम कर पाते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गर्मी के कारण कार्यबल की उत्पादकता करीब 7 प्रतिशत तक घट जाती है, जो 75 अरब मानव घंटे (मैन आवर्स) के बराबर है। यहां मानव घंटे से अभिप्राय औसतन एक घंटा में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया काम से है। स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर गुरुवार को लांसेट पत्रिका द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा चीन की तुलना में करीब 4 गुना ज्यादा है जबकि दुनियाभर में 153 अरब मानव घंटे के आधे से थोड़ा ही कम है। यह आंकड़ा वर्ष 2017 का है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में गर्मी के कारण एक साल में 21 अरब मानव घंटे की बर्बादी हुई जोकि उसके कार्यबल के पूरे साल के काम का 1.4 फीसदी है। दुनियाभर में पिछले साल 2000 की तुलना में 15.7 करोड़ अधिक लोग गर्मी से पीड़ित थे जबकि 2016 के मुकाबले 1.8 करोड़ लोग गर्मी से पीड़ित थे। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा सामाजिक व आर्थिक कीमत चुकाने वाले देशों में भारत भी शामिल है जहां एक टन अतिरिक्त कार्बन डाईऑक्साइड के उर्त्सजन से की कीमत 58 डॉलर होता है जबकि अमेरिका में 48 डॉलर और सऊदी अरब में 47.5 डॉलर।