कोलकाता: भले ही देह-व्यापार को लेकर कानून हों लेकिन देश के कई हिस्सों में ये आज भी लाखों लड़कियां इस घिनौने काम के लिए बेची ख़रीदी जाती हैं। उन्हीं इलाकों में से एक है कोलकाता का सोनागाछी जहां बच्ची के पैदा होते ही उसकी क़िस्मत का फ़ैसला हो जाता है कि उसे आगे चलकर क्या काम करना है। भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में नाबालिग लड़कियों को जबरन देह व्यापार में धकेल दिया जाता है जहां बच्चियां 120 रुपए में बेच दी जाती हैं जिनकी उम्र 18 साल से भी कम होती है। सोनागाछी जिला कोलकाता का एक स्लम एरिया है और यहां ग़रीबी ज़्यादा है। इस कारण परिवार अपनी कम उम्र की बच्चियों को जिस्मफ़रोशी के काम में लगाने पर मजबूर हो जाते हैं। अगर कोई नाबालिग बच्ची इसका विरोध करती है तो उसके साथ ज़ोर-ज़बर्दस्ती की जाती हैं।
सोनागाछी स्लम भारत ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा रेड-लाइट एरिया है। यहां कई गैंग हैं जो इस देह-व्यापार के धंधे को चलाते हैं। इस स्लम में 18 साल से कम उम्र की क़रीब 12 हज़ार लड़कियां देह व्यापार में शामिल हैं। उन्हें बचपन से ही वो सब देखना पड़ता है जिसके बारे में सोचने पर हमारी रुह कांप जाए। ये काम इतना बुरा है कि इसमें मजबूरन पड़ने वाली लड़कियों के लिए बदनसीब शब्द भी बहुत हल्का है। जिस उम्र में हमारी मां हमें दुनिया के रीति-रिवाज, लाज-शरम सिखाती हैं वहीं ये बच्चियां खुद को बेचने का हुनर सीखती हैं। 12 से 17 साल की उम्र में ये लड़कियां सीख जाती हैं कि मर्दों की हवस कैसे मिटाई जाती है। इसके बदले उन्हें 274 रुपए मिलते हैं। इन रूपयों के बदले यहां की बच्चियां मर्दों की टेबल पर तश्तरी में खाने की तरह परोस दी जाती हैं।