नई दिल्ली। देश में लगातार तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई नई गाइड लाइन जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस मरीजों के डिस्चार्ज नियमों में कुछ बदलाव किया है। मंत्रालय ने अब कोरोना मरीजों के अस्पाल में रखने का समय 14 दिन से घटाकर 10 दिन कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई नई गाइड लाइन के मुताबिक, अब केवल कोरोना के गंभीर मरीजों की ही कई बार जांच की जाएगी। इसके अलावा जो मरीज बीमारी से रिकवर हो चुके है, उनकी जांच अब केवल एक ही बार की जाएगी। उस जांच में अगर टेस्ट निगेटिव आया तो मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नए दिशा निर्देश-जारी कर दिए गए हैं। भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों के बीच अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने का संकट गहराता जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइड लाइन के मुताबिक अब गंभीर मामलों में ही कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज से पहले RT और PCR से गुजरना होगा, बाकी मरीजों को 10 दिनों में ही छुट्टी दी जा सकती है। इन मरीजों का RT और PCR टेस्ट नहीं कराया जाएगा।
एक बार भी टेस्ट रिपोर्ट आई निगेटिव तो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे कोरोना मरीज
गौरतलब है कि अब तक कोरोना के मरीज को 24 घंटे के अंदर दो बार हुए आरटी और पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही ठीक माना जाता था। हालांकि अब एक भी टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नए दिशा निर्देश-जारी कर दिए गए हैं।
डिस्चार्ज से पहले जांच की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने नए दिशा-निर्देशों में यह भी साफ किया है कि कोरोना संक्रमित में लक्षण दिखाई देने के 10 दिन बाद अगर 3 दिन तक मरीज को बुखार नहीं आता है तो उसे बिना किसी RT और PCR टेस्ट किए ही छुट्टी दे दी जाएगी। अगर कोरोना का हल्का लक्षण है तो उसे दो श्रेणी में बांटा गया है। पहला अगर फीवर शुरू के 3 दिनों में ठीक हो जाए और अगले 4 दिनों तक अगर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत न पड़े तो ऐसी सूरत में लक्षण आने के 10 दिन बाद बिना किसी RT और PCR टेस्ट किए मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है। बशर्ते बुखार न हो, सांस लेने में तकलीफ न हो और ऑक्सीजन की जरूरत न हो। दूसरे केस में अगर बुखार 3 दिनों में न जाए और ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत हो तो ऐसे मरीज को लक्षण खत्म होने पर और 3 दिनों तक लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत न पड़े तभी उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे केस में भी डिस्चार्ज से पहले RT और PCR टेस्ट की जरूरत नहीं होती है। जारी की गई नई गाइड लाइंस में कहा गया है कि डिस्चार्ज से पहले टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
घर जाने वाले मरीजों को 7 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने नए निर्देशों में साफ कर दिया है कि कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज के समय बताया जाएगा कि उन्हें घर पहुंचने के बाद भी 7 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा। मंत्रालय की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइन में कहा गया है कि मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराए जाने के बाद अगर तीन दिनों तक कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो अगले चार दिनों के लिए उन्हें हल्के मामलों में वर्गीकृत कर दिया जाएगा।
भारत में लगातार बिगड़ रही है स्थिति
भारत में कोरोना वायरस खतरनाक रूप में बढ़ रहा है। देश में मई के महीने में 3 हजार से ज्यादा केस प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। देश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंच गई है। ऐसे में अस्पतालों के पास मरीजों को भर्ती करने का संकट गहराता जा रहा है। हालात को देखते हुए लगता है कि देश में कोरोना की रफ्तार अभी और तेजी से बढ़ेगी और अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर भी कम पड़ जाएंगे। कोरोना की रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि जून और जुलाई और भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।