नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 66 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। शाम सात बजे जारी अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को कोविड-19 रोधी टीके की 69 लाख से अधिक खुराकें दी गईं। मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 18-44 साल के उम्रवर्ग में कुल 25,89,65,198 लोगों को पहली खुराक लगी है जबकि 2,97,99,597 लोगों को दोनों खुराक दे दी गयी है।
देश में कोरोना के 41965 नए केस मिले
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 41,965 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बुधवार को बढ़कर 3,28,10,845 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर अब 3,78,181 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 460 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,39,020 हो गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,78,181 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.15 प्रतिशत है। 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 7,541 की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.51 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 52,31,84,293 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 16,06,785 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई। दैनिक संक्रमण दर 2.61 प्रतिशत है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 2.58 प्रतिशत है, जो पिछले 68 दिन से तीन प्रतिशत से कम है। पिछले 66 दिन से 50 हजार से कम ही नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में अभी तक कुल 3,19,93,644 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में जिन 460 लोगों की संक्रमण से मौत हुई उनमें से केरल के 115 लोग और महाराष्ट्र के 104 लोग थे। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,39,020 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,37,313 लोग, कर्नाटक के 37,318 लोग, तमिलनाडु के 34,921 लोग, दिल्ली के 25,082 लोग, उत्तर प्रदेश के 22,823 लोग, केरल के 20,788 लोग और पश्चिम बंगाल के 18,447 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।