Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. स्वास्थ्य मंत्रालय ने Home Isolation को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश, कोरोना के संदिग्ध और हल्के लक्षण वाले मरीज करें ये काम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने Home Isolation को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश, कोरोना के संदिग्ध और हल्के लक्षण वाले मरीज करें ये काम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षणों वाले कोरोना रोगियों के पास यदि घर में रहने और आराम करने की बेहतर सुविधा है, तो वह होम आइसोलेशन का पालन कर सकते हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 28, 2020 10:30 IST
Health Ministry, coronavirus - India TV Hindi
Health Ministry issued guidelines mild cases of coronavirus or pre-symptoms patient home isolation 

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे लोगों के लिए होम आइसोलेशन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो कोरोना संदिग्ध हैं या जिनमें कोरोना वायरस (COVID-19) के बहुत हल्के लक्षण हैं। ऐसे मरीज जो अपने निवास पर सेल्फ आइसोलेशन में हैं, उनके पास अब होम आइसोलेशन का विकल्प होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षणों वाले कोरोना रोगियों के पास यदि घर में रहने और आराम करने की बेहतर सुविधा है, तो वह होम आइसोलेशन का पालन कर सकते हैं। इसके लिए रोगी को खुद आकर अपनी बीमारी की जानकारी देनी होगी और ये बताना होगा कि वह अपनी मर्जी से घर पर ही आइसोलेट होना चाहता है। अभी तक के नियमों के हिसाब से संदिग्ध रोगियों और हल्के लक्षणों वालों को कोविड केयर सेंटर में रखने का प्रावधान है।

नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यदि कोरोना का संदिग्ध व्यक्ति और हल्के लक्षणों वाले रोगियों के पास घर में एकांतवास में रहने की जगह है और उनके साथ चौबीसो घंटे देख-रेख करने वाले कार्मिक उपलब्ध हैं, तो घर में वह पृथक वास में रह सकेगा। ऐसे मामलों में संदिग्ध रोगी और हल्के लक्षणों वाले रोगियों को स्वत: घोषणा करनी होगी कि वह स्वेच्छा से यह सुविधा ले रहा है। वर्तमान दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 7 अप्रैल, 2020 को संदिग्ध/पुष्ट मामले के उचित प्रबंधन पर जारी दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त है।

अभी कोविड-19 के सभी संदिग्ध और पुष्ट मामलों को ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने के लिए अस्पताल में आइसोलेट किया जा रहा है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, रोकथाम के चरण के दौरान लक्षणों मरीजों के आधार पर नैदानिक प्रक्रिया के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाना चाहिए। जैसे बहुत हल्के/हल्के मरीजों को कोविड-19 देखभाल केंद्र में, मध्यम स्तर के रोगियों को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र और गंभीर श्रेणी के रोगियों को कोविड समर्पित अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। हालांकि, बहुत हल्के/प्री सिम्प्टोमैटिक मामलों में रोगियों के पास निवास स्थान पर सेल्फ क्वारंटाइन और आइसोलेशन का विकल्प है।

जानिए क्या हैं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी होम आइसोलेशन के दिशा-निर्देश

  • अगर डॉक्टर ने किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण की संख्या काफी कम बताई है, तो वह होम आइसोलेशन कर सकता है। सेल्फ-आइसोलेशन या होम आइसोलेशन के दौरान मरीज परिवार के संपर्क में न आए इसके लिए उनके निवास पर जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए। घर पर आइसोलेशन के लिए साथ में रहने वालों के लिए भी अलग रहने की सुविधा होनी चाहिए। 
  • 24x7 आधार पर देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध होना चाहिए। आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभालकर्ता और अस्पताल के बीच लगातार संवाद जरूरी है। 
  • कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल करने वाले व साथ में रहने वाले व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन दवा लेनी चाहिए। मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें और यह हर समय ब्लूटूथ और वाई-फाई के माध्यम से सक्रिय रहना चाहिए। व्यक्ति को लगातार अस्पताल और जिला के मेडिकल अधिकारी को अपनी सेहत की जानकारी देनी होगी। रोगी सेल्फ क्वारंटाइन के लिए घर पर क्वारंटाइन नियमों का पालन करने के संबंध में एक घोषणा प्रपत्र भरकर देगा वही, व्यक्ति होम आइसोलेशन के लिए पात्र होगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अधिक जानकारी दी गई है। 
  • रोगी अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए सहमत होना होगा और नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य स्थिति निगरानी टीमों द्वारा आगे की निगरानी के लिए जिला निगरानी अधिकारी को सूचित करेगा।
  • गंभीर संकेत या लक्षण विकसित होने पर आवश्यक तौर पर तत्काल चिकित्सकीय देखभाल की ओर ध्यान देना चाहिए। इनमें ये लक्षण हो सकते हैं- सांस लेने में तकलीफ, छाती में लगातार हो रहा दर्द/दबाव ,मानसिक भ्रम या आक्रोश में असमर्थता, होठ-चेहरे का नीला पड़ना या जब डॉक्टर के द्वारा उपचार की सलाह दी जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यदि लक्षण नैदानिक ​​रूप से समाप्त हो गए हों और निगरानी चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसे परीक्षण के बाद संक्रमण से मुक्त होने के लिए प्रमाणित किया जाता है, तो वह होम आइसोलेशन बंद कर सकते हैं।
  • होम क्वारंटाइन/आइसोलेशन से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों समेत सभी सूचनाएं स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। देखभाल करने वाले और रोगी दोनों को ही आवश्यक निर्देश का पालन करना होगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement