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कोटा अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने दिया यह बयान

कोटा स्थित जे के लोन अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि ये लापरवाही विरासत में मिली है और बीजेपी इस पर राजनीति कर रही है।

Reported by: Manish Bhattacharya @Manish_IndiaTV
Updated : December 31, 2019 16:16 IST
Health Minister Raghu Sharma
Health Minister Raghu Sharma

कोटा: कोटा स्थित जे के लोन अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि ये लापरवाही विरासत में मिली है और बीजेपी इस पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे से भटकाने के लिए इस मामले को तूल दिया जा रहा है। बच्चों की मौत पर बीजेपी राजनीति ना करें। जितने भी बच्चों की मौत हुई हैं उस पर जांच के लिए हमने जो कमेटी बनाई है उसमें जो कोई भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''हमने 22 दिसम्बर को ही जांच कमेटी नियुक्त कर दी थी इसकी रिपोर्ट मेरे पास आ गई है जिसको पूरी तरह से पढकर एक्शन लूंगा, लेकिन ये विभाग की लापरवाही या कमी नहीं है। ये कमी तो हमे विरासत में मिली है जिसकी वजह से आज तमाम कमियां उजागर हो रही है और उनको सही किया जा रही है। रही बात इंफेक्शन की तो अभी ये नहीं कह रहा हूं कि मौतो की वजह इंफेक्शन ही है। जे के लोन अस्पताल मे अभी ऑक्सीजन प्लांट नहीं है तो बच्चो के लिए ऑक्सीजन लाना पड़ता है लेकिन इंफेक्शन तो ये राजनीति वाले कर रहे है।'' उन्होंने कहा कि राजस्थान में बच्चों की मृत्यु दर पिछले कई सालों की अपेक्षा इस बार कम हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा की तरफ से दिए गए आंकड़े-

साल 2014 जिसमे 15719 बच्चे अस्पताल मे दाखिल हुए जिसमें 1198 बच्चों की मौत हुई -मृत्यु दर 7.64 प्रतिशत
साल 2015 जिसमें 1759 बच्चे दाखिल -1260 बच्चों की मौत- मृत्यु दर 7.17 प्रतिशत
साल 2016 जिसमे 17892 बच्चे दाखिल-1193 बच्चों की मौत- मृत्यु दर .6.6 प्रतिशत
साल 2017 जिसमे 17216 बच्चे दाखिल-1027 बच्चों की मौत- मृत्यु दर-5.96 प्रतिशत
साल 2018 जिसमे 16436 बच्चे दाखिल-1005 बच्चों की मौत -मृत्यु दर-6.11 प्रतिशत
साल 2019 जिसमे 16892 बच्चे दाखिल-940 बच्चों की मौत - मृत्यु दर- 5.55 प्रतिशत

बता दें कि इससे पहले महिला सांसदों की टीम पहुंची कोटा जे के लोन अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची। इस दौरान महिला सांसदों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर गैर जिम्मेदाराना बयान देने के आरोप लगाए साथ ही चिकित्सा मंत्री पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला सांसदों की टीम ने कहा कि इतने बच्चों की सांसें थम चुकी है लेकिन अभी तक चिकित्सा मंत्री ने सुध तक नहीं ली, अस्पताल के हालात बाद से बदतर हैं। भाजपा की तीन महिला सांसद भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर दिल्ली से कोटा दौरे पर आई थीं, जिनमें मेरठ से सांसद कांता करदम, राजस्थान के दौसा से जसकोर मीणा और पश्चिमी बंगाल से सांसद लॉकेट चैटर्जी शामिल हैं। उन्होंने जिन बच्चों की मौत हुई है उनके घर पर जाकर परिजनों से मुलाकात की।

कोटा स्थित जे के लोन अस्पताल में पिछले पांच दिन में 14 और शिशुओं की मौत होने से मृतक शिशुओं की संख्या इस महीने बढ़कर 91 हो गई है। अस्पताल के नवनियुक्त अधीक्षक सुरेश दुलारा ने सोमवार को कहा, ‘‘अस्पताल की एनआईसीयू और पीआईसीयू इकाइयों में 25 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच छह नवजात समेत 14 शिशुओं की मौत हुई।’’ उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर तक 77 शिशुओं की यहां मौत हुई थी और इनमें से 10 शिशुओं की मौत 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर हुई थी।

बाल रोग विभाग के प्रमुख ने कहा कि वह 25 दिसंबर तक 77 शिशुओं की मौत के पीछे के कारणों का विश्लेषण कर रहे हैं। बाद में जिन 14 शिशुओं की मौत हुई, उनमें से चार की मौत गंभीर निमोनिया, एक की मौत मेनिंगोएनसेफेलाइटिस, चार की मौत जन्मजात निमोनिया, तीन की मौत सेप्सिस और एक की मौत सांस संबंधी बीमारी के कारण हुई। राजस्थान के चिकित्सा शिक्षा विभाग सचिव वैभव गैलरिया ने कहा है कि पिछले दिनों कोटा के जे के लोन अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत के संबंध में जांच दल 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देगा जिसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी।

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