नई दिल्ली: ईस्टर्न आर्मी कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरावने ने कहा कि अब हम 1962 की सेना नहीं हैं और अगर चीन कहता है कि 'इतिहास मत भूलो', तो हम उन्हें भी यही बात कहेंगे। मैं 1962 में सेना पर ब्लैक मार्क के रूप में नहीं देखता हूं। सेना की सभी इकाइयों ने अच्छी तरह से लड़ाई लड़ी और उनके निर्धारित कार्यों को पूरा किया।
नरावने ने कहा कि यह चीन था जो डोकलाम संकट के दौरान बिना तैयारी के फंस गया था। उन्होंने सोचा कि भारत को डरा धमकाकर वह आसानी से बच निकल जाएंगे लेकिन हम इस धमकी के सामने खड़े हुए इससे यही साबित होता है कि हम किसी भी खतरे का मुकाबला कर सकते हैं।