नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित आयकर पुनर्मूल्यांकन मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति एस. रवींद्र और न्यायमूर्ति ए.के. चावला की पीठ ने राहुल गांधी के वकील की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें मामले में विभिन्न मीडिया संगठनों पर इस संबंध में समाचार प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
राहुल ने आयकर विभाग द्वारा उन्हें जारी एक नोटिस को न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें विभाग ने नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच वर्ष 2011-12 में हुए वित्तीय लेन-देन के कर पुनर्मूल्यांकन को दोबारा खोले जाने के संबंध में नोटिस जारी किया था।
राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी यंग इंडिया में प्रमुख हितधारक है, जिसने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड(एजीएल) का अधिग्रहण किया है। नेशनल हेराल्ड अखबार एजीएल द्वारा प्रकाशित होता है। राहुल गांधी के वकील ने अदालत से आयकर विभाग द्वारा किसी भी दंडात्मक कदम को उठाने से अंतरिम राहत देने की अपील की।
आयकर विभाग की तरफ से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि आयकर विभाग ने राहुल गांधी के खिलाफ कर मूल्यांकन दोबारा शुरू किया है, क्योंकि उन्होंने यह सूचना दबाई कि वह यंग इंडिया के निदेशक हैं।
राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कोई भी कर-देनदारी नहीं है, क्योंकि इसके जरिए उन्होंने कोई भी आय प्राप्त नहीं किया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त के लिए मुकर्रर कर दी।