नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1996 में प्रियदर्शिनी मट्टू के बलात्कार एवं हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे संतोष कुमार सिंह की तीन सप्ताह की पैरोल को मंजूरी दे दी है ताकि वह एलएलएम की परीक्षा में बैठ सके। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने सिंह की पैरोल मंजूर कर ली ताकि वह एलएलएम के अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ सके।
अदालत ने कहा कि सिंह की परीक्षा 24 मई को आरंभ होगी और उसे 21 मई को रिहा किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने सिंह की पैरोल याचिका का विरोध नहीं किया। मट्टू (25) की जनवरी 1996 में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र सिंह को इस मामले में तीन दिसंबर 1999 को निचली अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2006 में 27 अक्टूबर में निचली अदालत का आदेश पलट दिया था और उसे बलात्कार एवं हत्या के दोष में मृत्युदंड दिया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी के बेटे सिंह ने उच्च न्यायालय द्वारा सुनाई गई मौत की सजा और अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2010 में सिंह की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था लेकिन उसे दी गई मौत की सजा को कम करके आजीवन कारावास में बदल दिया था।