नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां लोधी रोड स्थित साईं बाबा मंदिर के मामलों के प्रबंधन के लिए एक पूर्व न्यायाधीश को प्रशासक नियुक्त किया है। मंदिर का प्रबंधन अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहा है। अदालत ने कहा कि यह अत्यावश्यक है कि श्री साईं बाबा भक्त समाज के प्रबंधन का काम मौजूदा पदाधिकारियों से ले लिया जाए ताकि जल्द से जल्द प्रबंधन कमेटी का फिर से चुनाव कराने की जरूरत उन्हें महसूस हो।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि ऐसा लगता है कि मौजूदा स्थिति बनाये रखना, जिसमे 2006 से समाज की सारी संपत्ति और संसाधन मौजूदा पदाधिकारियों के नियंत्रण में हैं, उन लोगों के लिये अनुकूल है और वे नये चुनाव की प्रक्रिया में विलंब चाहते हैं। उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रतिभा रानी को मंदिर का अस्थायी प्रशासक नियुक्त किया। उन्हें मंदिर मामले के साथ ही नीतिगत निर्णय लेने और रोजाना के प्रबंधन की भी जिम्मेदारी दी गयी है।
हालांकि, अदालत ने साफ कर दिया कि इस अदालत की पूर्व की मंजूरी के बिना श्री साईं बाबा भक्त समाज की ओर से वह ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले सकतीं जिसमें 10 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन हो। अदालत साईं बाबा समाज के कई आजीवन सदस्यों और प्रबंधन कमेटी के सदस्यों की ओर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने प्रबंधन में अनियमितता और चुनाव कराने में नाकामी के आरोप लगाए थे। अंतिम बार चुनाव 2006 में हुआ था जबकि नियम है कि हर तीन साल पर चुनाव होंगे।