नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि उसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करने और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक कदम उठाने को कहा है। केंद्र ने कहा है कि उन्हें कोविड-19 प्रबंधन के लिए 31 जुलाई तक लक्षित एवं त्वरित कदमों के क्रियान्वयन पर विचार करने का निर्देश भी दिया गया है।
इसने यह भी उल्लेख किया कि कोविड-19 के मामलों में कमी के बाद गतिविधियां शुरू करना आवश्यक था और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘‘समूची प्रक्रिया सावधानी के साथ हो।’’ राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न बाजारों में कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर उच्च न्यायालय की स्वत: संज्ञान कार्यवाही के संबंध में केंद्र ने यह बात अपने स्थायी अधिवक्ता अनिल सोनी के माध्यम से कही।
केंद्र ने कहा है कि कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों में मुंह को ढंककर रखना, एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखने, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकने, घर से काम करने, काम/कारोबार के घंटों को क्रमबद्ध करने, निगरानी रखने, स्वच्छता एवं समय-समय पर चीजों/स्थलों को रोगाणुमुक्त करने जैसे कदमों की बात शामिल है।
यह स्पष्ट करते हुए कि प्रतिबंध लगाने या ढील देने का निर्णय जमीनी स्थिति पर आधारित होना चाहिए, केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि बीमारी को रोकने संबंधी कदमों पर लगातार ध्यान रहे तथा क्रमिक प्रतिबंधों/ढील को क्रियान्वित करने में एकरूपता रहे। उच्च न्यायालय को यह भी सूचित किया गया कि केंद्र ने त्वरित एवं लक्षित कदमों के क्रियान्वयन के लिए राज्यों के साथ बुनियादी ढांचा भी साझा किया है।