Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक लैम्बडा वेरिएंट? सरकार ने बताया भारत में हैं कितने मामले

डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक लैम्बडा वेरिएंट? सरकार ने बताया भारत में हैं कितने मामले

भारत सहित दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बाद अब कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 09, 2021 21:05 IST
Has Covid's Lambda Variant Reached India? This Is What Government Said- India TV Hindi
Image Source : PTI कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। 

नयी दिल्ली: भारत सहित दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बाद अब कोरोना वायरस के लैम्बडा वेरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया है। मंत्रालय ने जानकारी दी कि अबतक 30 से ज्यादा देशों में लैम्बडा वेरिएंट के मामले मिले हैं। वहीं भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अब तक सार्स-सीओवी-2 के लैम्बडा वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) स्वरूप पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘14 जून को डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा पहचाना गया लैम्बडा वायरस का सातवां वेरिएंट था और 25 देशों में इसका पता चला है।’’ 

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे देश में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है और आईएनएसएसीओजी इस पर नजर रख रहा है और हम सतर्क हैं। पेरू में, 80 प्रतिशत संक्रमण इसी स्वरूप के थे। यह दक्षिण अमेरिकी देशों और ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में भी मिला है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर किसी भी प्रभाव की निगरानी की जाएगी।’’ 

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि लैम्बडा वेरिएंट पर ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए इसका पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहाँ तक हम जानते हैं कि इसने हमारे देश में प्रवेश नहीं किया है, अपने देश में यह नहीं मिला है। हमारी निगरानी प्रणाली आईएनएसएसीओजी बहुत प्रभावी है और अगर यह वेरिएंट देश में प्रवेश करता है तो वह इसका पता लगा लेगी।’’ पॉल ने कहा, '' हमें इन प्रकार के वेरिएंट्स को लेकर सतर्क रहना चाहिए।'' 

कोविड के कप्पा वेरिएंट के बारे में पॉल ने कहा कि यह स्वरूप फरवरी और मार्च में भी देश में मौजूद था और इसकी तीव्रता बहुत कम थी तथा डेल्टा वेरिएंट ने बड़े पैमाने पर इसका स्थान ले लिया है। उन्होंने कहा, "कप्पा वेरिएंट देश में फरवरी-मार्च में भी मौजूद था, डेल्टा वेरिएंट कप्पा के समान है। डेल्टा वेरिएंट के सामने आने पर यह दब गया था और हमारे देश में कुछ समय के लिए यह वेरिएंट (कप्पा) था। डेल्टा एक संबंधित वेरिएंट है और तेजी से फैल सकता है और यह दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था।’’ 

शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के कप्पा स्वरूप के दो मामलों का पता चला है। लैम्बडा वेरिएंट, हालांकि अभी तक पूरी तरह से चिंता का वेरिएंट नहीं है, लेकिन इसके उच्च संचरण क्षमता और म्यूटेशन फीचर्स इसे संभावित ख़तरे का कारण बना रहे हैं। 

उपलब्ध वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, लैम्बडा वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कम से कम 7 म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे ज़्यादा संक्रामक बनाते हैं, यही वजह है कि इसे ज़्यादा घातक माना जा रहा है। वहीं, डेल्टा वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में तीन उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन हैं।

ये भी पढ़ें

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement