नई दिल्ली। हरियाणा रोडवेज़ से हर रोज सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए मंगलवार और बुधवार के दिन बड़ी मुसीबत भरे होने वाले हैं। राज्य में परिवहन सेवाओं के निजीकरण के विरोध में रोडवेज़ कर्मचारी आज से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। रोडवेज यूनियन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 720 निजी बसों को ठेके पर लेने का विरोध कर रही हैं। सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए यूनियन ने आरोप लगया कि यह फैसला गैर जरूरी है और आम लोगों और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है।
रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार रोडवेज के बेड़े में नई बसों को शामिल करने की बजाए निजी कंपनियों को ज्यादा प्रोत्साहन दे रही है। हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सरकार के इस फैसले से रोडवेज के कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार को हरगिज ऐसा नहीं करने देंगे।
हाईकोर्ट ने सरकार को आवश्यक सेवाएं बहाल रखने के दिए आदेश
दो दिन की हड़ताल से आम लोगों को होने वाली परेशानी पर हाइकोर्ट ने भी चिंता जाहिर की है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आवश्यक सेवाएं बहाल रखने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार को इन दो दिनों में आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम यानि कि एस्मा लगाने का भी आदेश दिया है। एक निजी कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजन गुप्ता ने ये आदेश सरकार को दिए। निजी कंपनियों ने अदालत को कहा कि कर्मचारी यूनियन अदालत के उस पुराने आदेश की अव्हेलना कर रही हैं जिसमें उन्हें हड़ताल पर न जाने के सख्त निर्देश दिए गए थे।
फरीदाबाद और गुड़गांव भी होंगे प्रभावित
दिल्ली एनसीआर से जुड़े गुड़गांव और फरीदाबाद पर भी इस दो दिन की हड़ताल का पूरा असर रहेगा। दिल्ली में बहुत से लोग इन दो शहरों से आते-जाते है। ऐसे में सरकारी बसों के न होने से उन्हें आज ऑफिस या काम पर आने में परेशानी होगी। हालांकि इन शहरों में डीटीसी की सेवाएं भी उपलब्ध हैं। लेकिन हड़ताल के चलते इन पर भी दबाव देखने को मिलेगा।