Friday, November 22, 2024
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हरियाणा में कोरोना वायरस के 590 नए मामले, 13 और लोगों की मौत

हरियाणा में कोविड-19 के 590 नए मामले आने के साथ ही शनिवार तक कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 2,57,067 हो गई है। वहीं राज्य में संक्रमण से और 13 लोगों की मौत होने के साथ ही मरने वालों की संख्या 2,816 पहुंच गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 19, 2020 23:17 IST
हरियाणा में कोरोना वायरस के 590 नए मामले, 13 और लोगों की मौत- India TV Hindi
Image Source : PTI हरियाणा में कोरोना वायरस के 590 नए मामले, 13 और लोगों की मौत

चंडीगढ़: हरियाणा में कोविड-19 के 590 नए मामले आने के साथ ही शनिवार तक कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 2,57,067 हो गई है। वहीं राज्य में संक्रमण से और 13 लोगों की मौत होने के साथ ही मरने वालों की संख्या 2,816 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में यमुनानगर में तीन, सोनीपत, अंबाला और झज्जर में दो-दो लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। नए मामले में सबसे ज्यादा 151 मामले गुड़गांव में और फरीदाबाद में 98 नए मामले आए हैं। हरियाणा में फिलहाल 6,079 लोगों का उपचार चल रहा है। राज्य में संक्रमण से ठीक होने की दर 96.54 प्रतिशत है।

हो सकता है भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आये: विशेषज्ञ

नयी दिल्ली: स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि हो सकता है कि देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आये और यदि यह आती भी है तो यह पहली जितनी ताकतवर होने की संभावना नहीं है। यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है, हालांकि प्रतिदिन सामने आने वाले नये मामले और प्रतिदिन होने वाली मौत के मामलों में लगातार कमी आ रही है। जानेमाने वायरोलॉजिस्ट डा.शाहिद जमील ने कहा कि भारत में प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में कमी देखी गई है जो बीच सितम्बर में शीर्ष स्तर पर थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय प्रतिदिन करीब 25 हजार मामले सामने आ रहे हैं जबकि मध्य सितम्बर में प्रतिदिन 93 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे थे। हालांकि नवम्बर के आखिर की तरह थोड़े समय के लिए नये मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है।’’ उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि एक दूसरी लहर आएगी क्योंकि त्यौहारी मौसम (दशहरा से दिवाली) और एक राज्य के चुनाव मामलों में बिना किसी अधिक वृद्धि के संपन्न हो गये हैं। इसका कारण क्या है? दूसरे राष्ट्रीय सीरोसर्वे के अनुसार संभावित मामले पुष्ट मामलों का 16 गुणा हैं। इसके अनुसार तो भारत में अब 16 करोड़ मामले होंगे।’’ 

जमील ने कहा कि यह संभव है कि अभी तक देश में 30 से 40 करोड़ से अधिक संक्रमण के मामले हुए हों। उन्होंने कहा, ‘‘असुरक्षित और अतिसंवेदनशील लोग संक्रमित होते रहेंगे। यदि प्रतिरक्षा एक वर्ष या उससे कम समय तक रहती है, तो हमारे सामने अगले कुछ वर्षों के दौरान नियमित अंतराल पर संक्रमण के मामलों में छोटी वृद्धि देखने को मिल सकती है। अच्छा टीका इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित करेगा।’’ कोविड-19 की संभावित दूसरी लहर के बारे में पूछे जाने पर, जानेमाने क्लीनिकल साइंटिस्ट डॉ.गगनदीप कांग ने कहा कि संक्रमण पहली बार जितना तेज नहीं होगा और संक्रमण के मामलों में वृद्धि उतनी अधिक नहीं होगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कहने के लिए ‘एक्सपोज़र’ पर्याप्त है कि हमारे पास सामूहिक प्रतिरक्षा है और इसके बारे में फिर से चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सुनिश्चित करना पर्याप्त हो कि हमारे पास कुछ स्तर की सुरक्षा रहे ताकि संक्रमण का प्रसार वैसा नहीं हो जैसा कि पहली बार देखा गया था। संक्रमण के मामलों में वृद्धि भी उतनी अधिक नहीं होगी।’’ कांग ने कहा, ‘‘समस्या दूर नहीं हुई है, यह सामूहिक प्रतिरक्षा के साथ दूर नहीं होगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम दूसरी लहर देखेंगे जैसा कि पश्चिम में देखा गया है।’’ 

प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.के के अग्रवाल ने कहा कि भारत में अभी भी 30-40 प्रतिशत आबादी है जो कि कोविड -19 से संक्रमित नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत, अर्जेंटीना और पोलैंड सबसे ज्यादा कोविड-19 के मामलों वाले उन 15 देशों में शामिल हैं जहां दूसरी लहर नहीं दिखी है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी संभावनाओं के अनुसार, भारत में दूसरी लहर नहीं होगी और यदि दूसरी लहर आती है, तो यह केवल 501 नए प्रकारों के कारण आएगी।’’ 

अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यदि आपके यहां वह ‘स्ट्रेन’ नहीं आता है तो दूसरी लहर नहीं होगी। यदि भारत इस महीने के अंत तक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर देता है और लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाता है, तो हम 25 मार्च तक इस बीमारी को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकते हैं।’’ भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी की स्थिति में कमी आई है, जबकि दूसरों में उतार-चढ़ाव है। पांडा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अधिक राज्यों में, हमने प्रभावी नियंत्रण देखा है जबकि कुछ राज्यों में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। राज्य के परिदृश्य एक दूसरे से अलग हैं।’’

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